गोशाला बंदी के पांच वजहों को गिनाते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गो सेवकों की कमी व चारा की बढ़ती कीमतें, गोशाला की संपत्ति पर कब्जा, सरकारी व गैरसरकारी स्तर पर गोशाला भूमि का दुरुपयोग, युवा पीढ़ी में गो सेवा के प्रति अरुचि व विभाग द्वारा विकास कार्य को मूर्त रूप नहीं देना मूल वजह है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गोशाला संस्कृति को बचाने के लिए जन संवाद आरंभ किया गया है, जो दस जुलाई से चल रहा है. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने गोशाला की सफाई भी की. इस मौके पर संयोजक सुशील झुनझुनवाला, गोविंद कानोडिया, कृष्ण कुमार टिंकु, धर्मचंद सरावगी, संदीप अग्रवाल, सुभाष झुनझुनवाला, फाउंडेशन की रेखा मोदी, अरविंद व विनोद कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित थे. इन लोगों ने जैविक खाद के उपयोग व पंचगव्य औषधि केंद्र के लिए भी कार्य करने की बात कही.