कोर्ट ने माना है कि निर्माण कार्य में लगे अधिकारियों ने अवमानना की है. इस कारण सड़क बनाने में लगे सभी कर्मचारी और अधिकारियों पर अवमाननावाद का मुकदमा चलेगा. सुनवाई के दौरान भागलपुर के डीएम की रिपोर्ट कोर्ट को सोंपी गयी. रिपोर्ट में डीएम ने स्वीकार किया है कि उक्त सड़क को डेढ से दो फीट उंचा कर दिया गया है.
इसके कारण दोनों ओर रहनेवाले लोगों के घरों की स्थिति नारकीय हो गयी है. कोर्ट ने कहा कि दो साल पहले कोर्ट ने दीपक मुखर्जी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के क्रम में सड़क की उंचाई बढाने से मना कर दिया था. इसके बाद भी अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश की अनसुनी कर सड़क को दो फुट तक ऊंचा कर दिया.