जदयू-राजद-कांग्रेस के बीच 220 सीटों पर सहमति बन गयी है, गुरुवार या शुक्रवार को इसका एलान होने की संभावना है
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागंठबंधन के बीच करीब 220 सीटों पर सहमति बन गयी है. जो सीटें बची हैं, उन पर जदयू-राजद-कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत चल रही है.
उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार या शुक्रवार को संयुक्त रूप से या फिर अलग-अलग सीटों के चयन व प्रत्याशियों का एलान कर दिया जायेगा. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इसके संकेत दिये हैं. उन्होंने कहा कि जदयू-राजद-कांग्रेस के बीच सीटों के चयन व प्रत्याशी उतारने के लिए बातचीत अंतिम चरण में है. अब तक 90 फीसदी सीटों पर सहमति बन गयी है. गुरुवार की शाम तक चार-पांच सीटों को छोड़ बाकी सभी सीटों पर अंतिम रूप से सहमति बन जायेगी. इसके बाद गुरुवार को या फिर शुक्रवार को औपचारिक घोषणा की जा सकती है. कुछ सीटों पर जिच कायम के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसमें सभी दलों की सीटें कट सकती हैं. कुछ राजद की सीटें कट सकती हैं तो कुछ सीटें हमारे भी कट सकती हैं.
हर बार के चुनाव में ऐसा होता है और इस बार का चुनाव भी उससे कोई अलग नहीं है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस के नेताओं के बीच बातचीत जारी है और सभी एक दूसरे के संपर्क में हैं. सभी सीटों पर सहमति के बाद एक साथ या फिर चरणवार उम्मीदवारों की घोषणा की जा सकेगी.
उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके थे कि जब भाजपा अपनी सूची जारी कर देगी, तब वे भी अपनी लिस्ट जारी कर देंगे. अब एक-दो दिनों में किन सीटों पर वे अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं, उसकी औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी.
जदयू की 15-20 सीटिंग सीटों पर राजद के दावे के सवाल पर जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी दलों को अपने उम्मीदवारों के जितने की उम्मीद रहती है. ऐसे सीटों पर उम्मीदवार के जीतने की संभावना, ग्राउंड लेबल पर पार्टी की स्थिति को ध्यान में रखा जा रहा है.
कुछ विधायकों का टिकट कटने की संभावना से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है. सभी आपस में बात कर रहे हैं. जब संवादहीनता होती, तो नाराजगी का सवाल उठता, लेकिन आपस में सभी मसलों पर बात हो रही है.
सभी उम्मीदवार शरद यादव के करीबी व नजदीकी हैं. जदयू के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के लिए शरद यादव और नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे के बाद भजपा ने लिस्ट जारी कर दी है. इस पर लोजपा और रालोसपा ने नाराजगी जाहिर की है. उनके मन के अंदर तूफान-उफान दिखाई पड़ रहा है. एनडीए में नेता मैदान में आने से पहले ही रह-रह कर एक्शन दिखा रहे हैं.
बिहार में लड़ाई मुख्य रूप से महागंठबंधन व एनडीए के बीच है. नेतृत्व, नीति व दशा-दिशा के मुद्दे पर यह चुनाव होगा. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में नरेंद्र मोदी को लाना ही भाजपा की पहली हार है. नीतीश कुमार के सामने उनका कोई चेहरा नहीं है और यह चुनाव देश का चुनाव बन गया है. भाजपा छोड़ जदयू में आना चाह रहे नेताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले से ही हमारी पार्टी में भीड़ है. ऐसे में वे और भीड़ नहीं बढ़ाना चाहते हैं.