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हुजूर, मशीन ही नहीं, फॉगिंग कैसे होगी
प्रमंडलीय आयुक्त ने शहर के डेंगू से पीड़ित इलाके में फॉगिंग का दिया निर्देश पटना : शहर में डेंगू का खतरा लगातार बढ़ रहा है. नगर निगम के पास उपलब्ध तमाम फॉगिंग मशीनें खराब हैं. मगर पटना के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर नगर निगम के अधिकारियों को डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में नियमित फॉगिंग का निर्देश […]
प्रमंडलीय आयुक्त ने शहर के डेंगू से पीड़ित इलाके में फॉगिंग का दिया निर्देश
पटना : शहर में डेंगू का खतरा लगातार बढ़ रहा है. नगर निगम के पास उपलब्ध तमाम फॉगिंग मशीनें खराब हैं. मगर पटना के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर नगर निगम के अधिकारियों को डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में नियमित फॉगिंग का निर्देश दे रहे हैं.
जी हां, शुक्रवार को प्रमंडलीय कार्यालय में हुई मीटिंग में आयुक्त ने डीएम, निगम आयुक्त, क्षेत्रीय उप निदेशक स्वास्थ्य, सिविल सर्जन और राज्य स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारियों के साथ विशेष बैठक करते हुए डेंगू उन्मूलन तथा उसके प्रभाव को कम करने के लिए कई निर्देश दिये.
कहा-दोबारा फॉगिंग कराएं
निगम के पास चार बड़ी और 59 छोटी फॉगिंग मशीन हैं. इनमें से तीन बड़ी मशीन पहले से ही खराब हैं, जबकि वर्ष 2012 में खरीदी 59 छोटी फॉगिंग मशीन साल भर बाद ही खराब हो गयी थी. इनको अब तक बनाया नहीं जा सका है और न ही नयी मशीनों की खरीद को लेकर प्रक्रिया पूरी की गयी है.
मगर इस बीच, गुरुवार की बैठक में नगर आयुक्त के सामने प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि प्रतिदिन वार्ड वार सफाई की कार्य योजना के अनुसार पूरे नगर निगम को छिड़काव करने में कई सप्ताह लग जायेगा. सिविल सर्जन ऐसे क्षेत्रों की सूची तैयार करें जहां डेंगू का ज्यादा प्रभाव है. वहां नगर निगम 3 से 4 दिनों के अंदर फॉगिंग करने के एक सप्ताह बाद फिर से फॉगिंग कराए.
टेंफोस दवा के स्प्रे का करें छिड़काव
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि फौगिंग कराने के साथ–साथ डेंगू मच्छरों के लारवा को निष्क्रीय करने के लिए टेंफोस दवा के स्प्रे को भी स्प्रे मशीन के द्वारा पर्याप्त मात्र में छिड़काव किया जाये.
फॉगिंग की प्रक्रिया हर दिन सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच पूरी की जाय, क्योंकि सूर्यास्त के बाद डेंगू के मच्छरों पर फॉगिंग का असर नहीं पड़ता. पटना नगर निगम को निर्देश दिया गया कि मशीनों की संख्या बढ़ाई जाए तथा आवश्यकतानुसार कर्मियों की रोस्टर ड्यूटी लगाकर फौगिंग का कार्य शीघ्र सम्पन्न कराया जाये. राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे आम जनता के सूचनार्थ शीघ्र डेंगू रोग के बचाव और इलाज से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित करायें.
राजधानी में डेंगू ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया है. कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, बहादुरपुर और पटना सिटी सहित तमाम क्षेत्रों में डेंगू मरीज मिल रहे है. पिछले वर्ष राजधानी में डेंगू का प्रकोप बढ़ा, तो हाय-तौबा मचना शुरू हो गया. डेंगू का प्रकोप ठंडा हुआ, तो निगम प्रशासन ने खराब पड़े फॉगिंग मशीन को दुरूस्त करने और दस नयी फॉगिंग मशीन खरीदने की योजना बनाया.
इस योजना के प्रस्ताव को स्थायी समिति व निगम बोर्ड से मंजूरी दी गयी. इस मंजूरी के बाद मशीन खरीदने के लिए टेंडर निकाला गया, जो दो एजेंसी शामिल हुआ. इसमें एक एजेंसी को तकनीकी गलती के कारण हटाया दिया गया और एक एजेंसी बचने के कारण टेंडर ही रद्द करना पड़ा.
इसके बाद दुबारा टेंडर निकाला ही नहीं गया है. स्थिति यह है कि नूतन राजधानी अंचल में दो सौ क्विंटल, बांकीपुर में सौ क्विंटल, कंकड़बाग में 50 क्विंटल और पटना सिटी में सौ क्विंटल चुना की जरूरत प्रतिमाह होता है, जिसकी खरीदारी भी किया जाता है. इसके साथ ही ब्लीचिंग, मच्छर मारने की दवा आलम यह है कि किसी कूड़ा प्वाइंट पर कचरा दिखता नहीं है.
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