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सामूहिक आत्मदाह करने पहुंचे पंचायत रोजगार सेवकों को पुलिस ने किया ठंडा
पटना : वीरचंद पटेल पथ के जदयू कार्यलय के समीप सामूहिक आत्मदाह करने पहुंचे पूर्व पंचायत रोजगार सेवक को पुलिस ने पकड़ लिया और अपने साथ कोतवाली थाना ले आयी. जहां उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. अचानक ही काफी संख्या में पंचायत रोजगार सेवकों ने केरोसिन तेल डाल […]
पटना : वीरचंद पटेल पथ के जदयू कार्यलय के समीप सामूहिक आत्मदाह करने पहुंचे पूर्व पंचायत रोजगार सेवक को पुलिस ने पकड़ लिया और अपने साथ कोतवाली थाना ले आयी. जहां उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
अचानक ही काफी संख्या में पंचायत रोजगार सेवकों ने केरोसिन तेल डाल कर आत्महत्या करने का प्रयास किया. हालांकि इस बात की भनक पहले ही विधि व्यवस्था डीएसपी डॉ शिबली नोमानी को लग चुकी थी और पहले से ही वाटर केनन व अतिरिक्त पुलिस बल की उन्होंने व्यवस्था कर रखी थी. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही थी कि किसी के पास केरोसिन तेल या अन्य सामान तो नहीं है.
अचानक ही उन लोगों ने पूर्व नियोजित योजना के तहत कहीं से केरोसिन तेल ले लिया और उसे अपने शरीर पर डालने के साथ ही सड़क पर भी डालने लगे. लेकिन, पुलिस टीम पहले से ही सतर्क थी और फिर उन पर काफी तेजी से पानी का बौछार किया. जिसके कारण उनकी सारी योजना फेल हो गयी. इसके बाद पुलिस ने दो दर्जन प्रदशर्नकारियों को पकड़ा है. इस घटना के कारण करीब आधा घंटा तक वीरचंद पटेल पथ पर अफरा-तफरी का माहौल कायम था.
कैसे खुले रहते हैं मैनहोल व सीवरेज
हाइकोर्ट ने जतायी नाराजगी, 18 सितंबर को नगर निगम से मांगा जवाब
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने राजधानी में मैनहोल और सीवरेज खुले रहने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने पटना नगर निगम को नोटिस जारी किया है. जितेंद्र कुमार की लोक हित याचिका की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने नगर निगम को 18 सितंबर को जवाब देने को कहा है. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के निर्देश के बावजूद राजधानी के अधिकतर मैनहोल और नाले खुले होते हैं. इसके कारण आये दिन हादसे होते रहते हैं.
हटने के बाद फिर कैसे हो गया अतिक्रमण
पटना : हाइकोर्ट ने राज्य के सभी छह मेडिकल कालेज व अस्पताल प्रशासन से पूछा है कि वहां अतिक्रमण हट जाने के बाद फिर किस प्रकार अतिक्रमण कर लिया गया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार, सिविल सर्जन और मेडिकल कालेज के अधीक्षक को हलफनामा दायर कर 11 सितंबर को यह बताने को कहा है कि क्या स्थिति है.
यह भी बताने को कहा है कि सभी मेडिकल कालेजों ने अतिक्रमण हटाने के बाद परिसर में चाहरदीवारी करायी या नहीं. 11 सितंबर को दोबारा सुनवाई की जायेगी. कोर्ट ने इसके पहले सभी मेडिकल कालेज परिसर से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि अतिक्रमण हटा लिया गया है.
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