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आम हड़ताल आज नहीं होंगे कामकाज

पटना. 12 सूत्री मांगों काे लेकर प्रदेश सहित पूरे देश के संगठित व असंगठित क्षेत्र के तीन करोड़ से अधिक लोग बुधवार को हड़ताल पर रहेंगे. हड़ताल में बिहार से 10 लाख लोग शामिल होंगे. इनमें संगठित क्षेत्र के छह लाख कर्मचारी व असंगठित क्षेत्र के चार लाख कर्मी शामिल होंगे. इस कारण बैंक, बीमा, […]

पटना. 12 सूत्री मांगों काे लेकर प्रदेश सहित पूरे देश के संगठित व असंगठित क्षेत्र के तीन करोड़ से अधिक लोग बुधवार को हड़ताल पर रहेंगे. हड़ताल में बिहार से 10 लाख लोग शामिल होंगे. इनमें संगठित क्षेत्र के छह लाख कर्मचारी व असंगठित क्षेत्र के चार लाख कर्मी शामिल होंगे. इस कारण बैंक, बीमा, डाक, इनकम टैक्स, कस्टमश एजी ऑफिस, कंट्रोल ऑफ डिफेंस एकाउंट, नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस, राज्य सरकार समेत विभिन्न विभागों के कामकाज पूरी तरह से ठप रहेंगे.
को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ ट्रेड यूनियन एंड एसोसिएशन, बिहार के सह संयोजक बी प्रसाद, केंद्रीय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सीडी सिंह व महासचिव अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि श्रम कानूनों में होनेवाले बदलाव से 70% मजदूर श्रम कानून के दायरे से बाहर हो जायेंगे. नरेंद्र मोदी सरकार मजदूरों की छंटनी करने, ट्रेड यूनियन के वजूद को ही खत्म करने और इस तरह काॅरपोरेट घरानों को मुनाफा कमाने की खुली छूट देने की साजिश रच रही है.
16 वीं आम हड़ताल : 1990 से नव उदारवादी आर्थिक व्यवस्था लागू हाेने के बाद से यह 16वीं आम हड़ताल है. नरसिम्हा राव सरकार में चार, अटल बिहारी वाजपेयी सरकारी में पांच और मनमोहन सिंह सरकार में छह यानी कुल मिला कर अब तक 15 आम हड़तालें हो चुकी हैं. 15वीं आम हड़ताल 20 व 21 फरवरी, 2013 में हुई थी.
हड़ताल में यह फेडरेशन शामिल :
आम हड़ताल में सीटू, एआइटीयूसी, एआइसीसीटीयू, एचएमएस, एआइयूटीयूसी, इंटक, यूटीयूसी, टीयूसीसी, एसइडब्ल्यू, एलपीएफ यूनियन शामिल हैं.
12 सूत्री मांग :
-महंगाई पर रोक, जीवनोपयोगी वस्तुओं की कीमतें घटाना
-15,000 रुपये न्यूनतम मजदूरी
-श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन बंद हो
-ठेका मजदूरी प्रथा बंद करने और नियमित बहाली करने
-सबों काे पेंशन और सामाजिक सुरक्षा
-समान काम, समान वेतन
-ट्रेड यूनियनों का रजिस्ट्रेशन 45 दिनों के अंदर, आइएलओ का प्रस्ताव 87 और 98 लागू करने
-मुनाफा कमानेवाले सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेश बंद हो
-स्कीम वर्कर को सरकारी सेवक घोषित करो
-भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस हो
-सड़क परिवहन सुरक्षा विधेयक वापस लो
-रेलवे, रक्षा, वित्त क्षेत्र, खुदरा व्यापार क्षेत्र, बीमा, बैंक आदि में एफडीआइ बंद हो

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