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जनता को समय पर सेवा देने में कई जिले पीछे

मुख्य सचिव की वीसी : 19 जिलों में स्कूल भवन निर्माण की रफ्तार बेहद धीमी, राशि का होगा समायोजन पटना : राज्य में जन कल्याणकारी योजनाओं और राइट टू पब्लिक सर्विस कानून के तहत तय अवधि में लोगों को सेवाएं नहीं मिल रही हैं. कई जिलों में इसकी स्थिति ज्यादा खराब है. तत्काल सेवाएं समय […]

मुख्य सचिव की वीसी : 19 जिलों में स्कूल भवन निर्माण की रफ्तार बेहद धीमी, राशि का होगा समायोजन
पटना : राज्य में जन कल्याणकारी योजनाओं और राइट टू पब्लिक सर्विस कानून के तहत तय अवधि में लोगों को सेवाएं नहीं मिल रही हैं. कई जिलों में इसकी स्थिति ज्यादा खराब है. तत्काल सेवाएं समय पर मुहैया नहीं कराने की शिकायतें जिलों में सबसे ज्यादा है. सोमवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की.
इस दौरान आरटीपीएस कानून समेत 13 विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया. सीएस ने कई योजनाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले डीएम को जल्द स्थिति सुधारने का निर्देश दिया.
आरटीपीएस कानून
यह बात सामने आयी कि सीतामढ़ी जिला की प्रगति सबसे खराब महज 17 फीसदी है. मधुबनी, शेखपुरा और भोजपुर जिलों की प्रगति भी 20 प्रतिशत से कम रही है. इन जिलों की प्रगति राज्य के औसत 35 फीसदी से भी कम है. इसके अलावा अरवल, शिवहर और सीतामढ़ी जिलों में समय पर सेवा में देने में सबसे ज्यादा देरी होती है. इन जिलों के डीएम को इसकी समीक्षा कर स्थित तुरंत सुधारने का आदेश दिया गया. इस दौरान सभी संबंधित विभाग के प्रधान सचिव भी मौजूद थे.
शिक्षा
सर्वशिक्षा अभियान के तहत 19 जिलों में स्कूल निर्माण के रुपये बेकार पड़े हुए हैं. इनका समायोजन करने को कहा गया. इसमें सारण, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पटना, सीतामढ़ी, कटिहार समेत अन्य जिले शामिल हैं. इसके अलावा हाई स्कूल निर्माण के लिए सभी जिलों को जो रुपये भेजे गये हैं. इसमें पांच जिलों ने उपयोगिता प्रमाण-पत्र (यूसी) नहीं जमा किया है. समस्तीपुर, भोजपुर, रोहतास, पूर्णिया और गोपालगंज जिले में सबसे ज्यादा यूसी बाकी हैं.
सड़क
9 जिलों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बेहद धीमी होने के कारण सड़क निर्माण की कई बड़ी योजनाएं लंबित हैं. इसमें कुछ एनएच से जुड़े मामले भी हैं. पटना, नालंदा, गया, गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, शेखपुरा, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर जिलों में ऐसे मामले सबसे ज्यादा हैं. इसके अलावा भारत-नेपाल सीमा पर सड़क निर्माण में जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण समस्या बनी हुई है.
स्वास्थ्य
बक्सर, पूर्णिया, मधेपुरा, रोहतास और सीतामढ़ी जिलों ने दवा खरीद का भुगतान नहीं किया है. इन जिलों में करोड़ों रुपये बकाया है, जिसका भुगतान जल्द करने का आदेश सीएस ने दिया. पटना, आरा समेत चार जिलों में डेंगू के मामले सामने आये हैं. इनकी देखरेख और रोकथाम के लिए खास प्रयास करने को कहा गया.सभी जिलों को टीएफआर (टोटल फर्टीलिटी रेट) कम करने का प्रयास करने को कहा गया. वर्तमान में यह 3.7 प्रतिशत है.
समाज कल्याण
मुजफ्फरपुर, सारण और दरभंगा की स्थिति पेंशन वितरण में बेहद खराब है. सभी जिलों से कबीर अंत्येष्टि योजना का यूसी भेजने के लिए कहा गया. महिला पर्यवेक्षिकाओं को एक्सटेंशन देने को कहा गया, ताकि इनके वेतन भुगतान में देरी नहीं हो.
ग्रामीण विकास
इंदिरा आवास योजना में अभी तक 29 जिलों में ही इस बार के रुपये गये हैं. इस कारण अधिकांश जिलों में इस वित्तीय वर्ष में यह योजना अटक सकती है. आधार कार्ड बनाने के लिए स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में कैंप लगाने का आदेश दिया गया.
राजस्व
महादलितों के बीच जमीन खरीद कर वितरण करने की योजना का यूसी और विवरण 10 जिलों ने 2011 से नहीं भेजा है. इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि इन जिलों में कितने रुपये की जमीन खरीद कर महादलितों के बीच बांटी गयी. इसमें रोहतास, कटिहार, पूर्वी चंपारण, सारण, शिवहर, मुंगेर, भागलपुर, पश्चिम चंपारण, सहरसा और सीतामढ़ी शामिल हैं.
पंचायती राज
जिन जिलों में पंचायत सरकार भवन नहीं बना है, उन जिलों को खासतौर से निर्देश दिया गया कि वे स्थान का चयन जल्द कर ले. सभी डीएम को भवन तैयार और स्थानांतरण करने से संबंधित चेक प्वाइंट बनाने को कहा गया.
अन्य विभाग
अल्पसंख्यक कल्याण, एससी-एसटी कल्याण और बीसी-ईबीसी कल्याण विभागों में छात्रवृत्ति का वितरण प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए कहा गया. पूरे राज्य में एसटी समुदाय के लोगों का ब्लड सैंपल लेने का निर्देश दिया गया. ताकि इनमें होने वाली घातक बीमारी ‘सीकेल सेल एनिमिया’ की पहचान करके रोकथाम की जा सके.

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