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उद्यमियों को मिले केंद्रीय करों में छूट
पटना : विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों की तरह बिहार में भी उद्यमियों को इंडस्ट्री लगाने को शत-प्रतिशत छूट मिले. केंद्र से उक्त मांग शुक्रवार को उद्योग मंत्री श्याम रजक ने की है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की 21 पिछड़े जिलों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय […]
पटना : विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों की तरह बिहार में भी उद्यमियों को इंडस्ट्री लगाने को शत-प्रतिशत छूट मिले. केंद्र से उक्त मांग शुक्रवार को उद्योग मंत्री श्याम रजक ने की है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की 21 पिछड़े जिलों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय करों में 35 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा को छलावा करार दिया है. केंद्रीय मंत्री ने 21 जिलों में आय कर के तहत मूल्य ह्रास और निवेश भत्ता को ले कर जो घषणा की है, वह छलावा है. अब-तक उद्यमियों को 20 प्रतिशत की छूट तो मिल ही रही थी, उसमें महज 15 प्रतिशत की ही बढ़ोत्तरी की गयी है. यह बिहार के 21 जिलों के लिए कोई बड़ा तोहफा नहीं है. झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार में उद्योगों की संख्या नगण्य रह गयी है. उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है.
केंद्रीय मंत्री को विशेष आर्थिक जोन या विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों की छूट के बराबर बिहार में भी छूट देने की घोषणा करनी चाहिए. बिहार में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत औद्योगिक इकाईयों के प्री-प्रोडक्ट और पोस्ट-प्रोडक्शन के आधार पर काफी छूट दी जा रही है. औद्योगिक निवेश पर 35 प्रतिशत अनुदान तो दिया ही जा रहा है, भूमि निबंधन शुल्क में छूट, वैट प्रतिपूर्ति, इंट्री टैक्स प्रतिपूर्ति, कैप्टिव पावर और डीजी सेट में 60 से 65 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है.उद्यमियों को इस तरह की छूट देनेवाला बिहार देश का इकलौता राज्य है.
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