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पटना का मास्टर प्लान पास
पटना : बिहार अरबन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड ने मंगलवार को राजधानी पटना के मास्टर प्लान 2031 सहित बोधगया और राजगीर रिजनल प्लानिंग ऑथिरिटी को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ क्षेत्रीय प्लानिंग ऑथिरिटी के ड्राफ्ट को प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया. पटना मास्टर प्लान 2031 में 48.9 लाख शहरी आबादी […]
पटना : बिहार अरबन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड ने मंगलवार को राजधानी पटना के मास्टर प्लान 2031 सहित बोधगया और राजगीर रिजनल प्लानिंग ऑथिरिटी को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ क्षेत्रीय प्लानिंग ऑथिरिटी के ड्राफ्ट को प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया.
पटना मास्टर प्लान 2031 में 48.9 लाख शहरी आबादी और 11 लाख ग्रामीण आबादी को ध्यान में रखकर अंतिम रूप दिया गया है. बोर्ड की बैठक में सेप्ट के पूर्व टाउन प्लानर उत्पल शर्मा भी शामिल थे. उनको बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय भी लिया गया.
1144 वर्ग किमी क्षेत्रफल
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित बिहार शहरी आयोजना एवं विकास बोड की बैठक में स्वीकृत किये गये पटना मास्टर प्लान में पांच सैटेलाइट टाउनशिप का विकास किया जायेगा. इसमें फतुहा, नौबतपुर, पुनपुन, बिहटा और खुशरूपुर शामिल हैं. पटना मास्टर प्लान का कुल क्षेत्रफल 1144.92 वर्ग किलोमीटर का निर्धारित किया गया है.
शहर का विस्तार उत्तर में गंगा किनारे से दक्षिण में 16 किलोमीटर होगी जबकि पूरब से पश्चिम तक करीब 50 किलोमीटर होगा. शहर का विकास फे जवाइज किया जायेगा.पहले फेज का समय पांच-10 वर्षो का निर्धारित किया गया है. इस चरण में गंगा के किनारे की भूमि का विकास किया जायेगा.
30-40 फीसदी भूमि एरिया डेवलपमेंट स्कीम में
मास्टर प्लान में निर्धारित क्षेत्र में संरचना का विकास लैंड पुलिंग सिस्टम के माध्यम से किया जायेगा.यह जमीन एरिया डेवलपमेंट स्कीम के तहत भू-स्वामियों से मुफ्त में ली जायेगी. इसका लाभ यह होगा कि भू-स्वामियों को पूरी संरचना तैयार कर दी जायेगी और उनकी भूमि का मूल्य भी निर्धारित किया जायेगा. इसमें कुल क्षेत्रफल का 30-40 फीसदी भूमि मेट्रोपोलिटन प्लानिंग ऑथिरिटी के पास होगी.
एरिया डेवलपेमेंट स्कीम के तहत ली गयी जमीन में 15 फीसदी में सड़कों का निर्माण, पांच फीसदी ओपेन स्पेश, पांच-आठ फीसदी स्कूल व जनसुविधा, पांच-10 फीसदी जमीन गरीबों के घर बनाने के लिए जबकि 10-15 फीसदी जमीन लैंड बैंक में रखी जायेगी. मास्टर प्लान में 541 वर्ग किमी का विकास शहरी क्षेत्र के रूप में जबकि शेष भूमि ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित होगी. कुल प्लान का 55.58 फीसदी भाग आवासीय होगा.
भूमि के आवंटन का पैटर्न
मास्टर प्लान के तहत शहरी क्षेत्र के भूमि का वर्गीकरण किया गया है.
आवासीय क्षेत्र 55.58} वाणिज्यि क्षेत्र 5.93}
औद्योगिक क्षेत्र 2.95} पब्लिक-सेमी पब्लिक 7.89} पब्लिक यूटिलिटी 0.72} परिवहन व सड़क 10.9} एयरपोर्ट 2.7}
नदी व जलग्रहण क्षेत्र 0.5}
सैनिक छावनी 1.25}
पुराने शहर 3.24}
वन क्षेत्र 1.13}
ओपेन स्पेश 8.63}
मास्टर प्लान की सड़कें
मास्टर प्लान में राष्ट्रीय राजमार्ग 30, एनएच-31, एनएच 83 और एनएच-98 का सीधा जुड़ाव है. इसके अलावा सड़कों का ग्रिड नेटवर्क तैयार किया गया है. इसके अंदर एक 80 मीटर चौड़ी और 42 किलोमीटर लंबी स्पाइन सड़क को चिह्न्ति की गयी है.
इसमें 60 मीटर चौड़ी 11 पॉकेट आउटर रोड, 45 मीटर चौड़ी 20 सेक्टोरल रोड और 30 मीटर चौड़ी पॉकेट माइनर रोड़ का निर्माण होगा. इसके अलावा 12.2 मीर्ट, 18.3 मीटर, 27.4 मीटर और 30.5 मीटर की सड़कों का भी निर्धारण किया गया है.
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