कृष्ण वल्लभ सहाय (केबी सहाय) मूल रूप से वृहद पटना जिले के रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने गिरिडीह को अपना कार्यक्षेत्र बनाया था. गिरीडीह पहले अविभाजित बिहार का हिस्सा था. अब यह झारखंड में है. उन्होंने 1952 का विधानसभा चुनाव यहां से जीता था. लेकिन, 1957 के विधानसभा चुनाव में हार की वजह से वह इतने दुखी हुए कि उनका गिरीडीह से मोहभंग हो गया. फिर उन्होंने गिरीडीह से फिर कभी चुनाव नहीं लड़ा.
केबी सहाय को रामगढ़ के राजा कामाख्या नारायण सिंह ने पराजित किया था. रामगढ़ के राजा की अपनी पार्टी थी. हालांकि हार की वजह कांग्रेस का अंदरुनी कलह भी थी. 1963 के विधानसभा चुनाव में केबी सहाय हजारीबाग सीट से चुनाव में उतरे और जीत भी गये. फिर वह बिहार के मुख्यंत्री बने. वह 1967 तक मुख्यमंत्री रहे. उनके कार्यकाल में भूमि सुधार के कई महत्वपूर्ण काम हुए. उनमें प्रशासनिक क्षमता गजब की थी.