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सरकार पर 50 हजार का आर्थिक दंड, 10 आवेदकों में बंटेगी राशि
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. भागलपुर के नारायणपुर स्थित जय प्रकाश कॉलेज के 10 कर्मियों की सेवा स्थायी और उनके बकाये की राशि का भुगतान नहीं करने पर नाराज कोर्ट ने तो पहले सभी आवेदकों को पांच-पांच लाख रुपये जुर्माना देने को कहा. लेकिन, सरकारी […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. भागलपुर के नारायणपुर स्थित जय प्रकाश कॉलेज के 10 कर्मियों की सेवा स्थायी और उनके बकाये की राशि का भुगतान नहीं करने पर नाराज कोर्ट ने तो पहले सभी आवेदकों को पांच-पांच लाख रुपये जुर्माना देने को कहा.
लेकिन, सरकारी वकील की चिरौरी के बाद कोर्ट का रुख नरम पड़ा और मात्र पांच-पांच हजार रुपये की जुर्माना राशि सभी 10 याचिकाकर्ताओं को भुगतान का आदेश दिया. कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह के खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश दिया. कॉलेज कर्मी प्रशांत कुमार मिश्र एवं अन्य नौ याचिकाकर्ताओं ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर कर सेवा स्थायी करने की मांग की थी.
एकल पीठ ने इस पर फैसला देते हुए 1988-89 से सेवा स्थायी करने एवं बकाये राशि का भी भुगतान करने का आदेश दिया था. इसी क्रम में याचिकाकर्ताओं ने तिलका मांझी भागलपुर विवि से बकाये राशि की मांग की तो विवि ने सरकार के समक्ष तीन करोड़ 40 लाख रुपये की मांग भेज दी.
विवि के इस लंबे प्रस्ताव को देख कर राज्य सरकार ने पटना उच्च न्यायालय में अपील याचिका दायर कर दी. अपील याचिका की सुनवाई के क्रम में सरकार ने कहा कि बकाये राशि को जोड़ने में उनकी गलती नहीं है. यह गलती विवि प्रशासन ने की है.
नाराज कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी. साथ ही कॉलेज प्रशासन को नोटिस जारी किया है. मामले का निष्पादन होने तक एकल पीठ के आदेश पर रोक रहेगी. लेकिन, याचिकाकर्ताओं को राज्य सरकार द्वारा देय जुर्माने की राशि का भुगतान किया जायेगा.
पटना : पटना हाइकोर्ट ने गोपालगंज के डीएम को हथियार के लाइसेंस को वर्ष 2000 से लंबित रखने के मामले में 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन की कोर्ट ने मंगलवार को एजाज हसन नामक याचिकाकर्ता की याचिका की सुनवाई के क्रम में डीएम को आठ सप्ताह के भीतर लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया.
साथ ही कोर्ट ने डीएम पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि उसने 2000 में ही हथियार के लिए जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन दिया था.
लेकिन, अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. न तो उसे रिजेक्ट किया गया और न ही मंजूर किया गया. नाराज कोर्ट ने लाइसेंस देने और जुर्माना का आदेश दिया है.
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