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कलाम के नाम पर साइंस सिटी व कृषि कॉलेज पर लगी मुहर

पटना : पटना के साइंस सिटी और किशनगंज के कृषि कॉलेज कलाम के नाम से होगा. कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति दी गयी. वहीं इससे पूर्व पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी गयी. बैठक में कहा गया कि विज्ञान एवं अध्यात्म के दुर्लभ समन्वय का यह व्यक्ति सदा अमर रहेगा. डॉ […]

पटना : पटना के साइंस सिटी और किशनगंज के कृषि कॉलेज कलाम के नाम से होगा. कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति दी गयी. वहीं इससे पूर्व पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी गयी. बैठक में कहा गया कि विज्ञान एवं अध्यात्म के दुर्लभ समन्वय का यह व्यक्ति सदा अमर रहेगा. डॉ कलाम को इस सदी का महान वैज्ञानिक बताया गया.
ते हुए कहा गया है कि 1997 में इस मिसाइल मैन को भारत रत्न से नवाजा गया. देश की जनता उन्हें ज्ञान के अथाह सागर के रूप में हमेशा याद रखेगी. उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था. मनसा, वाचा कर्मणा आपने स्वयं को शिक्षक के रूप में भारत के ह्रदय में स्थापित किया है.
उन्होंने देश को परमाणु ऊर्जा और मिसाइल की दुनिया में शिखर तक पहुंचाया. वे 2002 से 2007 तक देश का राष्ट्रपति रहे. बैठक में कहा गया कि आपका बिहार के प्रति लगाव को हम भूल नहीं सकेंगे. 2006 में आपने बिहार विधानमंडल के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए बिहार के विकास के लिए 10 सूत्री सूत्री सुझाव दिया था.
उसमें आपने कहा था कि बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है. इसकी विरासत को पुनर्जीवित करना चाहिए. इस बहार आगमन के बाद भी डा कलाम समय-समय पर बिहार आकर हमारा मार्गदर्शन करते रहे. डा कलाम के निधन से हमने अपना एक प्रदर्शक खो दिया है. बिहार के संपूर्ण विकास के लिए डा कलाम के मंत्र को हमेशा याद रखेंगे. हम आपके बताये मार्ग पर चलते रहेंगे.
कैबिनेट से पारित शोक प्रस्ताव को उनके शोकाकुल परिवार को भेजने का निर्णय लिया गया. कैबिनेट के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक को स्थगित किया गया.
भागलपुर दंगा जांच आयोग की रिपोर्ट होगी पेश
पटना : भागलपुर दंगा जांच आयोग की रिपोर्ट विधान मंडल सत्र में दोनों सदनों के पटल पर रखा जायेगा. कैबिनेट के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने बताया कि भागलपुर सांप्रदायिक दंगा की न्यायिक जांच के लिए सेवा निवृत्त न्यायाधीश एन एन सिंह की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय दंगा जांच आयोग 28 फरवरी, 2015 को अंतिम रूप से सरकार को रिपोर्ट सौंपी था.
1989-90 में भागलपुर में हुए दंगा प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश एनएन सिंह की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था.
कैबिनेट की इस निर्णय से दंगा में शामिल लोग बेनकाव होंगे. दंगा में कई ऐसे लोग शामिल हैं . सरकार के इस निर्णय से वैसे लोगों की परेशानी बढ़ेगी. विदित हो कि न्यायमूर्ति एनएन सिंह 1989 में हुए भागलपुर दंगा के बाद दर्ज कांडों के संबंध में जांच किया है.

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