इतने बड़े देश में चार राज्यों (बिहार, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान) के डीपीआर पर योजना का शुभारंभ करना क्या हो सकता है? उसमें भी भाजपा का तो सिर्फ एक राज्य राजस्थान ने ही अब तक डीपीआर सौंपा है.
इतनी बड़ी परियोजना के लिए उन्हें सभी राज्यों से डीपीआर मिलने का इंतजार करना चाहिए था. इसके बाद ही खर्च के लिए राशि का बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि यह जुमला से अधिक नहीं कहा जा सकता. बिहार ने तो समय पर सब कुछ कर उन्हें सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि हाल यह है कि पटना में बिजली योजनाओं का शुभारंभ होगा, लेकिन ऊर्जा मंत्री को निमंत्रण तक नहीं दिया गया है. मुख्यमंत्री को भी बाद में निमंत्रण भेजा गया. यादव ने कहा कि यह देश के फेडरल स्ट्रर के विपरीत है. ऐसा नहीं होना चाहिए.