पटना: हाइकोर्ट ने राजधानी में अवैध तरीके से बहुमंजिली इमारतों के निर्माण को लेकर अधिकारियों को फटकार लगायी है. कोर्ट ने कहा कि रात के अंधेरे में निर्माण कार्य चल रहा है और इसे दिन में बंद कर दिया जाता है.
यह सब अधिकारियों की जानकारी में हो रहा है. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने मंगलवार को नरेंद्र मिश्र द्वारा दायर लोकहित याचिका की सुनवाई के क्रम में नगर विकास विभाग व सहकारिता विभाग के कामकाज पर भी तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने बुधवार को फिर से सुनवाई निर्धारित किया है.
सुनवाई के दौरान नगर विकास विभाग के सचिव व को-ऑपरेटिव के रजिस्ट्रार को उपस्थित रहने के लिए कहा है. कोर्ट ने पाटलिपुत्र व एसके पुरी के थाना प्रभारी को भी सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया है. न्यायाधीश ने कहा कि अधिकारियों ने कोर्ट के साथ वादाखिलाफी की है. बिल्डिंग ट्रिब्यूनल को चालू नहीं किया गया है. ट्रिब्यूनल के लिए आवश्यक न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गयी है. थानेदारों के कामकाज पर भी तीखी टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस बात की भी जानकारी है कि थानेदार अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मकान के निर्माण का कागजात मांगते हैं और इसके एवज में अपार्टमेंट मालिक का दोहन किया जा रहा है. दोषी अधिकारियों पर अवमानना का मुकदमा चलाया जायेगा. सहकारिता विभाग का हलफनामा संतोषजनक नहीं है. सहकारिता के नाम पर व्यावसायिक कार्य किये जा रहे हैं और अधिकारी चुप हैं.