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मुख्यमंत्री की 14 घोषणाएं: हर वार्ड पार्षद को आइपैड, हर घर की सफाई

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को नगर निकायों के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को एक-एक आइपैड देने की घोषणा की. अभी तक सिर्फ महिला वार्ड पार्षदों को आइपैड दिया गया था. उन्होंने कहा कि इससे महिला व पुरुष जनप्रतिनिधि रेकॉर्ड की देखरेख कर सकेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री ने घर-घर की सफाई के लिए राज्य सरकार […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को नगर निकायों के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को एक-एक आइपैड देने की घोषणा की. अभी तक सिर्फ महिला वार्ड पार्षदों को आइपैड दिया गया था. उन्होंने कहा कि इससे महिला व पुरुष जनप्रतिनिधि रेकॉर्ड की देखरेख कर सकेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री ने घर-घर की सफाई के लिए राज्य सरकार की ओर से राशि देने का भी एलान किया.

मुख्यमंत्री नगर स्वच्छता प्रोत्साहन अनुदान के तहत यह राशि राज्य के सभी 141 शहरी निकायों को परिवारों के अनुपात में दी जायेगी. सालाना प्रति परिवार 1200 रुपये की दर से यह अनुदान दो किस्तों में मिलेगा. इस पर सरकार करीब 250 करोड़ सालाना खर्च करेगी.

श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में नगर निकायों के प्रतिनिधियों की राज्यस्तरीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने शहरों के लिए विकास के लिए कुल 14 घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा कि स्वच्छता अनुदान की राशि इसी वित्तीय वर्ष में दी जायेगी. शुक्रवार को इसकी पहली किस्त जारी कर दी जायेगी. इससे डोर टू डोर कचरा उठाया जायेगा. उपकरणों की खरीद होगी. नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आदर्श नगर निकाय प्रोत्साहन योजना की घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत हर साल बेहतर काम के लिए एक नगर निगम को पांच करोड़, दो नगर पर्षदों को तीन-तीन करोड़ और दो नगर पंचायतों को एक-एक करोड़ रुपये दिये जायेंगे. इस राशि से सफाई व घरों में शौचालय बनाये जायेंगे.

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नगर निकायों को भी जन्म-मृत्यु व आवासीय प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया जायेगा. साथ ही लोक सेवा अधिकार कानून के तहत एक काउंटर इन निकायों में खोलना होगा. उन्होंने डिप्टी मेयर व उपाध्यक्षों को भी अधिकार सौंपने की घोषणा की. शहरी निकायों की प्रशासनिक व तकनीकी स्वीकृति की शक्तियों में वृद्धि की गयी है. अब सहायक अभियंता को 10 लाख, कार्यपालक अभियंता को 50 लाख तक की योजना की प्रशासनिक स्वीकृति व 25 लाख तक टेंडर निष्पादित करने की शक्ति होगी. इसी प्रकार अधीक्षण अभियंता को 50 लाख से दो करोड़ तक की योजना की तकनीकी स्वीकृति व उतनी ही राशि की योजना की टेंडर की स्वीकृ ति का अधिकार होगा. शहर में शौचालय निर्माण के लिए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत केंद्र सरकार चार हजार देगी, जबकि राज्य सरकार अब अपने कोष से प्रति परिवार 8000 रुपये देगी. अब तक राज्य सरकार मात्र 1333 रुपये अनुदान देती थी. इस पर राज्य सरकार के बजट से करीब 600 करोड़ खर्च होंगे. चार वित्तीय वर्षो में सभी शौचालयविहीन परिवारों में अनिवार्य रूप से शौचालय का निर्माण करा लेना है.

वन टाइम सेटलमेंट : नगर निकायों के बकाये होल्डिंग टैक्स के लिए मुख्यमंत्री ने वन टाइम सेटलमेंट योजना का एलान किया. इससे जहां होल्डिंगवालों को लाभ होगा, साथ ही बेहतर कार्य करनेवाले कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा. नगर निकायों में वर्ग ग के रिक्त पदों पर कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से नियुक्ति की जायेगी. नियुक्ति होने तक निकाय रोस्टर का पालन करते हुए इस समूह के लिए सेवानिवृत्त कर्मियों की संविदा पर बहाली कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्र के सभी परिवारों के सेप्टिक टैंक को सीवरेज नेटवर्क से जोड़ने की भी घोषणा की है. इसका खर्च राज्य सरकार उठायेगी. उन्होंने कहा कि शहरी निकायों द्वारा आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए किसी एक विभाग की आवश्यकता को दूसरे विभाग की जमीन देकर पूरा किया जायेगा. दोनों विभागों की सहमति से डीएम तीन एकड़ तक भूमि नि:शुल्क हस्तांतरण कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने राज्य में शहरी प्रशासन के सुदृढ़ीकरण के लिए पटना में बिहार सेंटर फॉर अरबन गवर्नमेंट की स्थापना की घोषणा की.
उद्घाटन समारोह में नगर विकास मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि शहरों में नागरिकों की सुविधा के विस्तार के लिए लगातार प्रयास किया जायेगा. इस मौके पर नगर विकास विभाग विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने निकायों के जनप्रतिनिधियों के सवालों का जवाब दिया और उसे विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित करने की घोषणा की. भागलपुर के मेयर दीपक भुवानिया, किशनगंज के डिप्टी मेयर अजय कुमार साह व बैरगनिया नगर पंचायत के अध्यक्ष मो रसीद अंसारी ने निकायों में आनेवाली तकनीकी परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. भागलपुर की डिप्टी मेयर प्रीति शेखर ने मुख्यमंत्री से डिप्टी मेयर व उपाध्यक्षों को अधिकार देने की मांग की. बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अनिल सिन्हा ने आपदा प्रबंधन की आवश्यकता बतायी.

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