संवाददाता, पटनाविधान परिषद चुनाव परिणाम आने के बाद पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि वह लालू प्रसाद से दूरी बना लें. अगर ऐसा नहीं होता है, तो इससे भी खराब परिणाम होगा. उन्होंने कहा कि लालटेन से अपने रिश्ते को लेकर मुख्यमंत्री को पुन: विचार करने की आवश्यकता है. इस परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि लालू प्रसाद में यादवों का वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता नहीं रह गयी है. अगर उनमें वोट ट्रांसफर की क्षमता रहती तो छपरा, सीवान, मधुबनी, दरभंगा, सासाराम और औरंगाबाद के चुनाव परिणाम इस तरह के नहीं आते. श्री यादव ने बताया कि नालंदा निर्वाचन क्षेत्र मुख्यमंत्री का गृह जिला रहा है, इसके कारण यहां का परिणाम जेडीयू के पक्ष में गया है. उन्होंने बताया कि 23 जून को इसी मुद्दे पर नीतीश कुमार को पत्र लिखा था. उसमें हवाला दिया था कि नीतीश कुमार लालू प्रसाद से गंठबंधन करते हैं, तो इसका परिणाम भी भुगतने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि अब लालू प्रसाद के पास न तो जनाधार है और न ही उस परिवार में एक भी जनप्रतिनिधि रह गया है. यादवों के गढ़ राघोपुर व सोनपुर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पराजित हुईं, पाटलिपुत्रा लोकसभा सीट से खुद लालू प्रसाद 2009 में शिकस्त पा चुके हैं. विधान परिषद चुनाव में पटना में 331 पंचायत हैं. साथ ही इस निर्वाचन क्षेत्र में कई विधायक राजद के हैं. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी रीतलाल यादव विजयी होता है, तो लालू प्रसाद का अब जनाधार और वोट ट्रांसफर कराने की क्षमता कहां रह गयी है.
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00 नीतीश कुमार लालटेन से दूरी बनावे नहीं तो और खराब परिणाम : रंजन यादव
संवाददाता, पटनाविधान परिषद चुनाव परिणाम आने के बाद पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह दी है कि वह लालू प्रसाद से दूरी बना लें. अगर ऐसा नहीं होता है, तो इससे भी खराब परिणाम होगा. उन्होंने कहा कि लालटेन से अपने रिश्ते को लेकर मुख्यमंत्री को पुन: विचार करने की […]
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