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साजिशकर्ता सोनू व छोटू अंडरग्राउंड

पटना: पटना को दहलाने का डेंजर प्लान बनानेवाले मुख्य साजिशकर्ता शातिर सोनू व छोटू अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बिहार-झारखंड की पुलिस दोनों की तलाश कर रही है, लेकिन उनका सुराग नहीं मिल सका है. यह माना जा रहा है कि जब तक दोनों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक यह साफ […]

पटना: पटना को दहलाने का डेंजर प्लान बनानेवाले मुख्य साजिशकर्ता शातिर सोनू व छोटू अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. बिहार-झारखंड की पुलिस दोनों की तलाश कर रही है, लेकिन उनका सुराग नहीं मिल सका है.

यह माना जा रहा है कि जब तक दोनों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक यह साफ नहीं हो पायेगा कि पटना में बम की खेप बची है या नहीं. चूंकि बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में हुए विस्फोट के बाद से ही यह कहा जा रहा है कि पीएलएफआइ के सदस्यों द्वारा झारखंड के सिमडेगा से पटना में 32 बमों की खेप लायी गयी थी.

झारखंड से आये एक शख्स ने पुलिस को दिखाया था लॉज
झारखंड पुलिस ने बम बरामदगी के तीन दिन पहले ही पटना पुलिस को खेमनीचक में छिपे बमों के बारे में जानकारी दे दी थी. इसके बाद भी पटना पुलिस को बमों को ढूंढ़ने में सफलता हाथ नहीं लगी. तब झारखंड पुलिस की तरफ से एक खास शख्स को पटना भेजा गया. उसी शख्स ने खेमनीचक के उस लॉज को दिखाया, जहां पर कमरे में बमों का जखीरा मौजूद था. अब सवाल यह है कि जब झारखंड पुलिस की सूचना के बाद भी यहां की पुलिस बमों को नहीं तलाश पायी, तो बिना सोनू-छोटू की गिरफ्तारी के इस ऑपरेशन को वह कैसे पूरा कर सकती है.
जल्द मिलेगी सफलता, पकड़े जायेंगे दोनों शातिर : डीआइजी
शातिर सोनू व छोटू की तलाश की जा रही है. जिस तरह से 12 केन बम मिले हैं, यह पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. आगे का अनुसंधान जारी है. जल्द ही आगे भी सफलता मिलेगी. – शालीन, डीआइजी, पटना
खतरा अभी टला नहीं
पीएलएफआइ ने कुंदन, अवधेश उर्फ चुहवा, सोनू, छोटू सहित गैंग के अन्य सदस्यों के दम पर पटना में जो साजिश रची गयी, वह पचास फीसदी तो ध्वस्त हो चुकी है, लेकिन पूरी तरह से खतरा अभी टला नहीं है. पटना पुलिस को दो बिंदुओं पर स्थिति साफ करनी होगी. एक तो बमों की खेप अभी पटना में है या नहीं, दूसरा सोनू-छोटू की गिरफ्तारी कब तक होगी. दोनों अंडर ग्राउंड हो चुके हैं. उनकी तलाश तेजी से की जा रही है लेकिन सफलता अभी हाथ नहीं लगी है.
तब कुंदन ने देखे थे तीन झोले
यहां बता दें कि इसी साल 30 मार्च की रात बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में हुए विस्फोट के बाद जब कुंदन की गिरफ्तारी हुई, तो उसने बताया कि उसने तीन झोले और देखे थे, जो खेमनीचक में छुपाया गया. हालांकि वह सटीक लोकेशन नहीं बताया था. पुलिस ने हाथ-पांव जरूर मारा, लेकिन वह बमों तक नहीं पहुंच पायी. जब झारखंड पुलिस के हाथ अवधेश उर्फ चुहवा चढ़ा तो उसने खेमनीचक में रखे गये बमों की खेप के बारे में जानकारी दी.
एनएसजी रिपोर्ट से तय होगी दिशा
पटना में बमों को डिफ्यूज करने के लिए एनएसजी टीम को बुलाया गया था. लेकिन खतरे को देखते हुए बमों को आबादी से दूर ले जाकर विस्फोट कराया गया. इसके बाद एनएसजी जांच सैंपल साथ ले गयी है. डीएनए सैंपल भी लॉज के कमरे से लिये गये हैं, जो जांच के लिए भेजे गये हैं. पुलिस को दोनों रिपोर्ट के आने का इंतजार है. इसके बाद ही जांच की दिशा तय हो पायेगी. क्यों कि बम की क्षमता को देखते हुए यह संदेह जाहिर किया जा रहा है कि यह मामला पीएलएफआइ से ही जुड़ा है या फिर आतंकी संगठन भी इसमें शामिल हैं.

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