Advertisement
सियासी जंग. नये एयरपोर्ट के लिए जमीन की तलाश अधूरी छोटा रनवे, कम सुविधाएं
पटना: राजधानी के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के चलते पटना सहित पूरा बिहार पिछड़ता नजर आ रहा है. कारण यहां के एयरपोर्ट का विस्तार इंटरनेशनल स्तर पर नहीं हो पा रहा है. देश भर के 11 खतरनाक एयरपोर्ट में शामिल पटना एयरपोर्ट का रन-वे तय मानक से काफी छोटे होने के कारण यहां नयी विमान कंपनियां […]
पटना: राजधानी के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के चलते पटना सहित पूरा बिहार पिछड़ता नजर आ रहा है. कारण यहां के एयरपोर्ट का विस्तार इंटरनेशनल स्तर पर नहीं हो पा रहा है. देश भर के 11 खतरनाक एयरपोर्ट में शामिल पटना एयरपोर्ट का रन-वे तय मानक से काफी छोटे होने के कारण यहां नयी विमान कंपनियां नहीं आ पा रही हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब मई महीने में सस्ती हवाई सेवा देनेवाली एयर एशिया और स्पाइस जेट जैसी कंपनियां आयीं और सर्वे करा कर चली गयीं. आज भी पटना एयरपोर्ट से सिर्फ 16 विमान रोजाना उड़ान भरते हैं, जबकि एक बार में अधिक-से-अधिक तीन विमान खड़े रखने की सुविधा है.
नहीं आ रहीं नयी कंपनियां
एयरपोर्ट सूत्रों की मानें, तो यहां कई कंपनियां सर्वे करा चुकी हैं, लेकिन खतरनाक एयरपोर्ट होने के चलते उनको अपनी योजना बदलनी पड़ी. सूत्रों की मानें, तो यहां कंपनियों ने यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट और सुविधा की कमी को देखते हुए अपना पल्ला छाड़ लिया. ऑल इंडिया ट्रैफिक स्टेट्स एंड पैसेंजर डाटा की रिपोर्ट के मुताबिक पटना एयरपोर्ट पर यात्रियों के आने-जाने की दर में काफी गिरावट आयी है.
1. छोटे रनवे का भी नहीं हो पाता पूरा इस्तेमाल
एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई मात्र 6545 फीट है. इतना ही नहीं पूरब छोर से विमान की लैंडिंग में 6000 फीट और पश्चिम छोर से विमान के लैंडिंग में मात्र 5000 फिट रनवे का उपयोग हो पाता है.
2. कई बड़े शहरों की सीधी उड़ान नहीं
पटना एयरपोर्ट से दूसरे शहरों में उड़ान भरने वाले यात्रियों की तादाद में हर साल इजाफा हो रहा है. चार साल में इनकी संख्या लगभग तीन गुना तक बढ़ी है. बावजूद अब तक देश के कई बड़े एयरपोर्ट से पटना का सीधा संपर्क नहीं हो सका है. फिलहाल पटना से मात्र चार शहर नयी दिल्ली, कोलकाता, रांची और लखनऊ के लिए ही सीधी उड़ान मिलती है. मुंबई, बंगलुरु और चेन्नई के लिए वाया उड़ान की सुविधा है. गुवाहटी, अहमदाबाद, जयपुर, हैदराबाद, पुणो, इंदौर जैसे शहरों के लिए आज भी हवाई यात्री दिल्ली या कोलकाता से कनेक्टिंग फ्लाइट का सहारा लेते हैं.
तब उतरेंगे बड़े विमान : इंटरनेशनल व बड़े उड़ानों में प्रयोग किये जाने वाले विमानों के लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए रनवे की लंबाई 9000 फिट होनी आवश्यक है.
3. एयरपोर्ट का विस्तार मुश्किल
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मानें तो पटना एयरपोर्ट के चार तरफ की बनवाट को देखते हुए इसका विस्तार मुमकिन नहीं है. एक तरह सचिवालय का घंटाघर, दूसरी तरफ रेलवे लाइन और तीसरी तरफ संजय गांधी जैविक उद्यान होने की वजह से हमेशा दिक्कत बनी रहती है. पश्चिमी छोर पर एसटीएफ की जमीन को लेकर बात चल रही थी, लेकिन पैसे के विवाद के चलते यह मामला भी आगे नहीं बढ़ सका. एयरपोर्ट अथॉरिटी दूसरे राज्यों का हवाला देते हुए राज्य सरकार से इसे मुफ्त मांग रही थी, जबकि राज्य सरकार ने इसके लिए कई करोड़ रुपये मांग रखे थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement