संवाददाता, पटना पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोरचा (सेकुलर) के नेता जीतन राम मांझी ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने सोमवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब जातिगत जनगणना के लिए आयोग बना, सर्वे हुआ तो इसे गुप्त रखने की क्या जरूरत. इसको सामने लाना चाहिए. रिपोर्ट सार्वजनिक होने से देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिलाओं की कितनी आबादी है इसका खुलासा हो जायेगा. कोई कहता है कि अनुसूचित जाति की जनसंख्या 18 प्रतिशत है, कोई 20 तो कोई 23 प्रतिशत मानता है. रिपोर्ट जारी होने से यह पता चल जायेगा कि कितनी आबादी है. जीतन राम मांझी ने कहा कि रिपोर्ट आने से इन वर्गों के लिए चलायी जा रही योजनाओं के संचालन में सहुलियत होगी और बजट भी बढ़ाया जा सकेगा. साथ ही समाज में इन वर्गों के सही आर्थिक आंकड़े भी सामने आयेंगे. इस रिपोर्ट के आने से किसी भी जाति के गरीब कितने लोग भूमिहीन हैं और मकानविहीन हैं. रिपोर्ट आने के बाद इनकी स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी निर्णय लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस सर्वे को सिर्फ जाति से जोड़ना उचित नहीं है, बल्कि सर्वे में इन वर्गों के लोगों की व्यक्तिगत राय है कि जातिगत जनगणना ीक रिपोर्ट जारी की जानी चाहिए. खबर दोबारा पढ़ी गयी है.
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जातिगत आधारित जनगणना की रिपोर्ट हो सार्वजनिक : मांझी
संवाददाता, पटना पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोरचा (सेकुलर) के नेता जीतन राम मांझी ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है. उन्होंने सोमवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब जातिगत जनगणना के लिए आयोग बना, सर्वे हुआ तो इसे गुप्त रखने की क्या जरूरत. इसको सामने […]
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