बैरान की गहरी जमीन पर नहीं बनेंगे सरकारी आवाससंवाददाता, हथुआस्थानीय सरकारी कार्यालय एवं आवास के लिए जमीन की तलाश जारी है. पूर्व में हथुआ से एक किमी दक्षिण बैरान क ी जमीन को कार्यालयों एवं आवास के लिए चयनित किया गया था, लेकिन गहरी भूमि होने के कारण विभाग ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि भूमि को मिट्टी से लेवल करने में जो खर्च आयेगा, उससे कम खर्च में सभी कार्यालयों एवं आवास का निर्माण कार्य पूरा हो सकता है. पूर्व सीओ रमेश चंद्र सिन्हा द्वारा बैरान की भूमि को प्रस्ताव के लिए भेजा था, लेकिन बाद में भवन निर्माण के लिए उक्त भूमि की जांच की गयी, जिसमें लगभग 5 एकड़ भूमि 10 से 15 फुट गहरी थी, जिसको लेकर उक्त भवन के लिए अन्य जगह की जमीन चयनित कर सीओ को भेजने का आदेश दिया गया है. हालांकि हथुआ में खाली पड़ी जमीन पर सेलिंग का मामला चल रहा है, जिसको लेकर बड़ा कोईरौली गांव के समीप जमीन का प्रस्ताव भेजा गया है. हालांकि इसके अलावा दो अन्य जगह की जमीन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. बताते चलें कि बैरान की भूमि पर सरकारी कार्यालयों के निर्माण की खबर सुन कर आसपास की जमीन की कीमत 10 गुना बढ़ गयी थी. क्या कहते हैं अधिकारीबैरान की भूमि गहरी होने के कारण विभाग अन्य जगह की जमीन तलाश की रही है. तीन अलग-अलग जगहों की भूमि का प्रस्ताव भेजा गया है. चयन होने के बाद भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. धर्मनाथ बैठा, सीओ
हथुआ में सरकारी कार्यालयों के लिए जमीन की तलाश
बैरान की गहरी जमीन पर नहीं बनेंगे सरकारी आवाससंवाददाता, हथुआस्थानीय सरकारी कार्यालय एवं आवास के लिए जमीन की तलाश जारी है. पूर्व में हथुआ से एक किमी दक्षिण बैरान क ी जमीन को कार्यालयों एवं आवास के लिए चयनित किया गया था, लेकिन गहरी भूमि होने के कारण विभाग ने यह कहते हुए निरस्त कर […]
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