पटना: मगध विश्वविद्यालय में 22 प्रिंसिपलों की नियुक्ति मामले में चयन समिति के अब एक और मेंबर राज मुकुल ने विजिलेंस से कहा कि मेरिट लिस्ट पर उनका साइन फर्जी है. राज मुकुल राज्य सरकार के नुमाइंदे की हैसियत से चयन समिति में थे. इस मामले की जांच कर रही विजिलेंस को राज मुकुल ने पत्र भेज कर मेरिट लिस्ट की गड़बड़ियों के बारे में बताया है.
मालूम हो कि चयन समिति के सात में से पांच ही मेंबरों ने मेरिट लिस्ट पर साइन किया है. वह भी बिना तारीख के. इसके पहले चयन समिति के एक मेंबर पटना विवि के डॉ शिवजतन ठाकुर ने विजिलेंस को बताया है कि मेरिट लिस्ट पर उनका साइन फर्जी है. इस तरह पांच में से अब दो मेंबरों ने अपने साइन को फर्जी बताया है.
विजिलेंस को उन्होंने बताया है कि 22 प्रिंसिपलों की नियुक्ति का मामला शुरुआत से ही काफी विवादों में रहा है. इसकी जांच के लिए सरकार ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी आइसी कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी थी. राज मुकुल ने इस मामले में फर्जी साइन करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की. विजिलेंस ने चयन समिति के मेंबरों से कहा है कि मेरिट लिस्ट के सभी पन्नों पर जिन मेंबरों के साइन हैं, उसमें काफी भिन्नता पायी गयी है. उसने पूछा है कि मेरिट लिस्ट पर उनके साइन हैं या नहीं. साइन अगर उनका है, तो उसके नीचे तारीख क्यों नहीं अंकित है? जांच एजेंसी इस बात पर हैरान है कि उच्च स्तर पर बैठे अधिकारी ऐसी चूक कैसे कर सकते हैं.