पटना: शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीइ) के तहत हर निजी स्कूल को 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन लेना है, लेकिन जिले के अधिकतर स्कूलों ने इसका पालन नहीं किया.
जिले में 71 निबंधित प्राइवेट स्कूल हैं. इनमें से केवल 29 स्कूलों ने ही शैक्षणिक सत्र 2012-13 में ऐसे बच्चों का नामांकन लिया. लेकिन, इनकी संख्या मात्र 329 है. यही नहीं, राजधानी के न्यू बाइपास स्थित पटना सेंट्रल स्कूल में कमजोर वर्ग के 10 बच्चों का नामांकन लिया गया, लेकिन उसे 40 बच्चों की अनुदान राशि का भुगतान किया गया. कई अन्य स्कूलों ने भी नामांकन से अधिक अनुदानराशि ली है. यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा दी जानकारी से हुआ है.
चार ने किया गाइडलाइन का पालन : जिन स्कूलों में नामांकन लिया भी गया, तो आरटीइ के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया. गोला रोड स्थित ज्ञान निकेतन में सिर्फ एक बच्चे का नामांकन लिया गया. पाटलिपुत्र स्थित एवीएन इंगलिश स्कूल, दीघा के जेपी नगर स्थित मे फ्लावर स्कूल, शांति निकेतन कॉलोनी कंकड़बाग स्थित संत जोसेफ हाइस्कूल व बैरिया स्थित सत्यम इंटरनेशनल ने ही गाइडलाइन का पालन किया. शेष स्कूलों में पांच से 12 बच्चों का ही नामांकन लिया गया.
अनुदान राशि देने में कई अनियमितता : जिले के 29 स्कूलों ने आरटीइ के तहत नामांकन लिया, लेकिन अनुदान केवल 21 को ही मिला. जिन 21 स्कूलों को अनुदान की राशि दी गयी, उनमें कई नामांकन लेनेवाले स्कूलों की सूची में शामिल नहीं हैं. यानी, बिना नामांकन लिये ही कई स्कूलों को भुगतान कर दिया गया.