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पटना में वाम दलों की हुई संयुक्त बैठक के प्रस्ताव पर चर्चा

वाम दल इस बार 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करने की तैयारी में चंडीगढ़ नेशनल काउंसिल की बैठक के बाद चुनावी तैयारी में जुटेगी भाकपा पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की चंडीगढ़ में चल रही तीन दिवसीय नेशनल काउंसिल की बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव पर मंथन चल रहा है. बिहार भाकपा के प्रदेश […]

वाम दल इस बार 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करने की तैयारी में
चंडीगढ़ नेशनल काउंसिल की बैठक के बाद चुनावी तैयारी में जुटेगी भाकपा
पटना : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की चंडीगढ़ में चल रही तीन दिवसीय नेशनल काउंसिल की बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव पर मंथन चल रहा है. बिहार भाकपा के प्रदेश सचिव सत्यनारायण सिंह, मोहम्मद जब्बार आलम और राम नरेश पांडेय सहित नेशनल काउंसिल के नौ सदस्य पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों से अवगत करा रहे हैं.
वाम दलों की पटना में पिछले हफ्ते हुई बैठक में वाम दलों ने इस बार 243 सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी खड़ा करने के संकेत दिये थे. चंडीगढ़ नेशनल काउंसिल की बैठक में विधानसभा चुनाव को ले कर वाम दलों की संयुक्त बैठक का प्रस्ताव भी पेश किया जायेगा.
2010 के विधानसभा चुनाव में भाकपा, माकपा और माले ने 190 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किये थे. 2010 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ भाकपा और माकपा के बीच समझौता हुआ था. भाकपा ने माकपा के विरुद्ध कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, जबकि माकपा ने भी समझौते के तहत सीपीआइ के खिलाफ अपना कोई उम्मीदवार नहीं दिया था.
सीपीआइ ने 2010 में 56 प्रत्याशी खड़े किये थे, जिनमें महज एक सीट पर उसे जीत मयस्सर हुई थी. माले ने कई सीटों पर सीपीआइ और माकपा के विरुद्ध अपने प्रत्याशी दिये थे. इस बार तीनों दल 2010 के विधानसभा चुनाव की तरह चुनाव में आमने-सामने न आने के संकेत दिये हैं.
वामदल इस बार सिर्फ भाजपा को ही जवाब देने की तैयारी नहीं कर रहें, बल्कि कांग्रेस, राजद और जदयू भी उनके निशाने पर है. दो दिन पहले माकपा के राष्ट्रीय सचिव सीताराम येचूरी ने संसद में कांग्रेस का समर्थन करने की घोषणा कर वाम एकता की इस कोशिश में पेंच फंसा दिया है, हालांकि बिहार भाकपा-माकपा के नेता उनके इस बयान को तवज्जो नहीं दे रहें. चंडीगढ़ नेशनल काउंसिल की बैठक से भाकपा नेताओं के लौटने के बाद बिहार में पार्टी की चुनावी रफ्तार जोर पकड़ेगी.
नालंदा में दो बच्चों की मौत की घटना की हो जांच : माले
पटना : नालंदा के नीरपुर गांव के स्कूल में दो बच्चों की मौत की घटना की उच्च स्तरीय जांच हो. सरकार से उक्त मांग गुरुवार को घटना की जांच करने गयी माले की टीम ने की है.
माले ने घटना की जांच के लिए राजाराम, नालंदा जिला के पार्टी सचिव मनमोहन, सुधीर कुमार, पाल बिहारी पाल, रामधनी प्रसाद और जैनेंद्र प्रसाद को भेजा था. माले की जांच दल ने पार्टी मुख्यालय को समर्पित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दोनों बच्चों की मौत पानी में डूबने से नहीं हुई, बल्कि उनकी हत्या की गयी है.
माले की जांच टीम ने मेडिकल रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है. माले की जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दोनों बच्चे रवि रंजन और सागर कुमार डीपीएस स्कूल के आवास में रहते थे. जांच टीम ने अन्य स्कूली बच्चों से घटना को ले कर बात की. बच्चों ने बताया कि 27 जून की रात में स्कूल प्रशासन ने दोनों बच्चों की जबरदस्त पिटाई की थी.
28 जून को दोनों की लाश स्कूल से 400 मीटर दूर मिली. दोनों बच्चों के हाथ टूटे हुए मिले और मुंह से खून भी निकल रहा था. माले ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग सरकार से की है, ताकि सच सामने आ सके.
गिरफ्तार हों जदयू विधायक सुनील पांडेय
पटना : भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार सरकार से विधायक सुनील पांडेय को गिरफ्तार करने की मांग की है. माले सचिव ने गुरुवार को कहा है कि आरा कोर्ट बम ब्लास्ट के आरोपी लंबू शर्मा के बयान के आधार पर जदयू विधायक को सरकार गिरफ्तार करे.
लंबू शर्मा ने अपने बयान में कहा है कि कोर्ट परिसर से भागने में जदयू विधायक ने मदद की और अब-तक वह उनके संरक्षण में ही रह रहा था. पहले अनंत सिंह और अब सुनील पांडेय प्रकरण से यह साफ हो गया है कि सुशासन की सरकार किस तरह अपराधियों को संरक्षण देने का काम करती रही है. जदयू विधायक रणवीर सेना के संरक्षकों में भी शामिल रहे हैं.

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