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पीएमसीएच दिखेगा कॉरपोरेट लुक में, ओपीडी में टोकन सिस्टम से मरीजों का इलाज

पटना: पीएमसीएच जुलाई से कॉरपोरेट लुक में दिखने लगेगा. ओपीडी में डॉक्टरों के चैंबर व मरीजों के बैठने की जगह भी नये रंग में दिखेगा. इसके अलावे डॉक्टर कर्मचारी एक-दूसरे के संपर्क में रहे, इसके लिए इंटरकॉम की सुविधा बहाल की जायेगी. ओपीडी में अब मरीजों का इलाज टोकन सिस्टम से होगा. रजिस्ट्रेशन कराने के […]

पटना: पीएमसीएच जुलाई से कॉरपोरेट लुक में दिखने लगेगा. ओपीडी में डॉक्टरों के चैंबर व मरीजों के बैठने की जगह भी नये रंग में दिखेगा. इसके अलावे डॉक्टर कर्मचारी एक-दूसरे के संपर्क में रहे, इसके लिए इंटरकॉम की सुविधा बहाल की जायेगी. ओपीडी में अब मरीजों का इलाज टोकन सिस्टम से होगा.

रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मरीज आराम से बैठेंगे और अपना नंबर आने के बाद वह डॉक्टर के पास जाकर इलाज करायेंगे. महानगरों के बड़े हॉस्पिटलों की तहत हर वार्ड तक पहुंचनेवाले रास्ते को एैरो के माध्यम से दिखाया जायेगा. ताकि मरीज बिना किसी से पूछे डॉक्टर के चैंबर तक पहुंच जाये. दूसरी ओर इमरजेंसी में आनेवाले पुलिस केस मामले में इलाज व केस दोनों एक साथ दर्ज हो, इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी, ताकि मरीज के इलाज में देरी नहीं हो. वहीं सामान्य मरीज, जो इमरजेंसी में भरती होंगे, उनका पूरा ब्योरा रहेगा.

ओपीडी में डिसप्ले बोर्ड
ओपीडी में इलाज कराने आये मरीजों को रजिस्ट्रेशन कराने के बाद घंटों लाइन में खड़े नहीं रहना पड़ेगा. अस्पताल प्रशासन ने इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है. मरीज रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आराम से एक जगह बैठे रहें और जैसे ही उनका नंबर आयेगा बोर्ड पर टोकन नंबर डिसप्ले हो जायेगा. उसके बाद आराम से वे इलाज करायेंगे. दवा काउंटर पर भी टोकन नंबर से ही दवा दी जायेगी. नंबर डिसप्ले होने के बाद मरीज पांच मिनट तक डॉक्टर के पास नहीं पहुंचता है, तो उसके बाद उसे दोबारा रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाकर नंबर लेना होगा, तभी उसका इलाज हो पायेगा. यह बोर्ड इस माह के अंत तक लग जायेगा.
इमरजेंसी में ही मिल जायेगी वार्ड के बेड की जानकारी
फिलहाल इमरजेंसी से वार्ड रेफर होने के बाद मरीजों को वहां जाने के बाद बेड की जानकारी मिलती है. अगर बेड नहीं मिला, तो मरीज को गाड़ी पर ही रखना पड़ता है. इसके बाद भी बेड मिल जाये इसकी संभावना कम रहती है. इसलिए परिजनों को बेड लूटना पड़ता है, लेकिन नयी व्यवस्था में इमरजेंसी से रेफर होते समय ही मरीज के कागज पर वार्ड में मिले बेड की जानकारी दे दी जायेगी. मरीज को वार्ड तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस रहेगा और एंबुलेंस पहुंचते ही वार्ड ब्वाय का काम होगा कि वह मरीज को बेड तक पहुंचाएं. इसके लिए इमरजेंसी व वार्ड में इंटरकॉम की सुविधा दी जायेगी, ताकि सिस्टर इंचार्ज अपने ड्यूटी स्थान से बेड की जानकारी आदान-प्रदान कर सके.
इस माह के भीतर सभी कामों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है और इसकी पूरी जिम्मेवारी प्राचार्य को दी गयी है. इसके बाद सोमवार को कार्य की समीक्षा भी की गयी और जुलाई से इंटर कॉम व ओपीडी का नया लुक मरीजों के सामने होगा.
डॉ एसएन सिन्हा, प्राचार्य, पीएमसीएच

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