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अब ग्राम पंचायतों को सीधे मिलेगी राशि
जिला पर्षद व पंचायत समिति को नहीं दी जाये राशि बीआरजीएफ की क्षतिपूर्ति की जाये : मंत्री पंचायती राज मंत्री डॉ विनोद प्रसाद यादव ने कहा कि यह अपने आप में गंभीर वित्तीय मामला बन जायेगा. बीआरजीएफ की क्षतिपूर्ति की जाये. इसके अलावा त्रिस्तरीय पंचायत के सभी स्तर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपने अनुसार योजनाओं […]
जिला पर्षद व पंचायत समिति को नहीं दी जाये राशि
बीआरजीएफ की क्षतिपूर्ति की जाये : मंत्री
पंचायती राज मंत्री डॉ विनोद प्रसाद यादव ने कहा कि यह अपने आप में गंभीर वित्तीय मामला बन जायेगा. बीआरजीएफ की क्षतिपूर्ति की जाये. इसके अलावा त्रिस्तरीय पंचायत के सभी स्तर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपने अनुसार योजनाओं को चयन कर उसके निष्पादन के लिए वित्तीय सहायता केंद्र सरकार उपलब्ध करावे. उन्होंने बताया कि पहले से ही राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ा हुआ है.
पंचायत समिति व जिला पर्षद के 750 करोड़ की हो जायेगी कटौती
कुल अनुदान का 70 फीसदी पंचायतों , 20 फीसदी पंचायत समिति व 10 फीसदी जिला पर्षद को मिलती थी राशि
आयोग ने 2016-20 के लिए बिहार को 2101.78 करोड़ की अनुशंसा की
शशिभूषण कुंवर
पटना : 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलनेवाली राशि अब सीधे ग्राम पंचायतों को दी जायेगी. अब इस राशि का बंटवारा पंचायत समिति व जिला पर्षद के बीच नहीं किया जायेगा. जिला पर्षद व पंचायत समिति के प्रतिनिधियों को अनुदान राज्य सरकार के जिम्मे सौंपा गया है. 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा आने के बाद पंचायत राज विभाग की चिंताएं बढ़ गयी हैं. त्रिस्तरीय पंचायती राज में दो स्तर के प्रतिनिधियों को अनुदान कहां से दिया जायेगा. अब तक चली आ रही परंपरा के अनुसार केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा से प्राप्त राशि में से 70 फीसदी राशि का खर्च ग्राम पंचायतों को, 20 फीसदी राशि पंचायत समितियों को, जबकि 10 फीसदी राशि जिला पर्षद को दी जाती रही है. मार्च, 2015 तक 13वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर राशि प्राप्त होती थी. अब 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर राशि मिलनी है.
14 वें वित्त आयोग ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि अब जो भी सहायता ग्राम पंचायतों को दी जायेगी, उसे दो भागों में बांट कर दिया जायेगा. पहला भाग मूल अनुदान के रूप में होगा, जबकि दूसरा भाग कार्य निष्पादन के मद में अनुदान दिया जायेगा. मूल अनुदान के तहत कुल अनुदान की 90 फीसदी राशि, जबकि कार्य निष्पादन अनुदान के लिए दिया जायेगा.
आयोग का मानना है कि मूल अनुदान की राशि का खर्च ग्राम पंचायतें पंचायत की जलापूर्ति योजना, सीवरेज, ठोस अवशिष्ठ प्रबंधन, स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक संपत्तियों के रखरखाव, सड़कों के निर्माण, फुटपाथों का निर्माण, स्ट्रीट लाइट के अलावा कब्रिस्तान और श्मशानों के रखरखाव पर खर्च किया जायेगा. कार्य निष्पादन अनुदान के तहत जो राशि दी जायेगी, उसका खर्च आंकड़ों के संकलन के लिए जमीन स्तर पर कार्रवाई प्रारंभ करने, पंचायत स्तर पर विश्वसनीय सूचना संग्रह करने आदि पर किया जायेगा. इसके लिए ऑडिट तैयार कर उसे प्रस्तुत करेंगे. आयोग ने अनुशंसा की है कि अब अनुदान के तहत 488 रुपये प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति के अनुसार अनुदान दिया जायेगा. आयोग ने यह भी अनुशंसा की है कि उसमें जून व अक्तूबर में दो किस्तों में अनुदान उपलब्ध करा दिया जाये. 2011 की जनगणना को ध्यान में रखते हुए अनुदान दिया जायेगा.
14वें वित्त आयोग द्वारा जो अनुशंसा की गयी है, उसके अनुसार बिहार को 2016-20 तक कुल 2101.78 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त होगा. अब त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थान को मिलनेवाली केंद्रीय सहायता में पंचायत समिति और जिला पर्षद के लिए इस दौरान राज्य सरकार को करीब 750 करोड़ की व्यवस्था करनी होगी. वित्तीय अनुदान पर रोक लगनेवाली है.
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