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स्कूलों की मनमानी पर सीबीएसइ सख्त, निर्देश जारी दूसरे स्कूलों से नहीं भरवाएं फॉर्म
पटना: किसी भी स्कूल के लिए अब किसी दूसरे स्कूल के स्टूडेंट्स का फॉर्म भरवाना अब महंगा पर सकता हैं. सीबीएसइ अब ऐसे स्टूडेंट्स को बाहर का रास्ता दिखायेगी. हाल के कई सालों में हुई घटनाओं के आधार पर सीबीएसइ ने स्कूलों को सचेत करते हुए कहा है कि इस तरह की हरकत से वे […]
पटना: किसी भी स्कूल के लिए अब किसी दूसरे स्कूल के स्टूडेंट्स का फॉर्म भरवाना अब महंगा पर सकता हैं. सीबीएसइ अब ऐसे स्टूडेंट्स को बाहर का रास्ता दिखायेगी. हाल के कई सालों में हुई घटनाओं के आधार पर सीबीएसइ ने स्कूलों को सचेत करते हुए कहा है कि इस तरह की हरकत से वे बाज आएं. ऐसे किसी भी स्कूल को माफ नहीं किया जायेगा, जो डी-एफिलिएटेड स्कूल के स्टूडेंट्स का परीक्षा फॉर्म भरवायेंगे. ऐसी हरकत करनेवाले तमाम स्कूलों पर सीबीएसइ की अब नजर होगी. ज्ञात हो कि पटना में कई ऐसे स्कूल का रैकेट चलता है, जो दूसरे स्कूल के स्टूडेंट्स का 10वीं और 12वीं का परीक्षा फॉर्म भरवा कर अपनी मोटी कमाई करते हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स का पैसे के साथ दो साल भी बरबाद हो जाता है.
एलओसीवाले ही होंगे सीबीएसइ के स्टूडेंट्स
सीबीएसइ ने स्कूलों को एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि जो स्टूडेंट्स एलओसी (लिस्ट ऑफ कैंडिडेंट्स) में शामिल होंगे, वहीं उस स्कूल से परीक्षा फार्म भर सकते हैं. बोर्ड के अनुसार एलओसी में वहीं स्टूडेंट्स शामिल होंगे, जो उसी स्कूल में 9वीं की पढ़ाई करेंगे. उसी तरह से 12वीं बोर्ड की परीक्षा फार्म के एलओसी में भी वहीं स्कूल शामिल होंगे, जो 11वीं और 12वी की पढ़ाई उसी स्कूल से किया हों. अब सीबीएसइ स्कूलों से उपस्थिति सीट भी लेने के बारे में सोच रहा हैं.
ऐसे पकड़ में आते हैं
पिछले दो वर्षो से सीबीएसइ एलओसी फार्म हर स्टूडेंट्स का भरवा रही है. ऐसे में किसी भी स्टूडेंट्स को आसानी से सीबीएसइ पकड़ लेती है, जो किसी दूसरे स्कूल से परीक्षा फार्म भर कर 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल हो जाते है. सीबीएसइ के पास 9वीं में करवाये गये रजिस्ट्रेशन के तमाम डाटा मौजूद रहते है. ऐसे में रजिस्ट्रेशन में शामिल स्टूडेंट्स का संख्या और उनके नाम और परीक्षा फार्म के समय भराये गये एलओसी में शामिल स्टूडेंट्स की संख्या और नाम का मिलान होता है, जो स्टूडेंट्स बाहर के होते हैं. उसे आसानी से पकड़ में आ जाते हैं. क्योंकि सीबीएसइ के पास तो उसी स्कूल के स्टूडेंट्स का रिकार्ड होता है, जो बोर्ड से मान्यता प्राप्त होते हैं.
चार बार भराते हैं फॉर्म
सीबीएसइ के नये नियम के अनुसार एक स्टूडेंट्स को चार बार एलओसी फार्म भरवाया जाता है. पहली बार 9वीं के रजिस्ट्रेशन के समय और दूसरी बार 10वीं के परीक्षा फार्म भरवाने के समय एलओसी भरवाया जाता है. उसके बार 11वीं के रजिस्ट्रेशन के समय एलओसी फार्म भरवाया जाता है. इसके बाद 12वीं बोर्ड में शामिल होने के लिए परीक्षा फार्म भरवाया जाता है. 9वीं रजिस्ट्रेशन के समय ही हर स्कूल से लिस्ट सीबीएसइ के पास पहुंच जाता हैं. इसी लिस्ट के आधार पर 10वीं और 12वीं बोर्ड के समय सीबीएसइ परीक्षा फार्म भरवाती है.
हर साल आते हैं मामले
इस साल एवीएन इंगलिश स्कूल के 176 स्टूडेंट्स 10वीं बोर्ड के रिजल्ट में फंस गये, उसी तरह पिछले साल 2014 में एस रजा हाइस्कूल में इसी तरह की घटना घटी थी. काफी संख्या में स्टूडेंट्स का रिजल्ट रूक गया था. सीबीएसइ के मान्यता लेने के बाद भी स्कूल ऐसी हरकतों से बाज नहीं आते है. अपने स्कूल के अलावा दूसरे स्कूल के स्टूडेंट्स का भी परीक्षा फार्म भरवा लेते हैं. 2013 में भी कई स्कूलों के साथ इस तरह की घटना घटी थी.
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