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अब हाथी खरीद कर कोई नहीं पालेगा
वन्य प्राणी पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की घोषणा पटना : बिहार में अब हाथी खरीद कर कोई नहीं पालेगा. जिनके पास जो हाथी है, वे उसी की देखभाल करेंगे. उक्त निर्णय शुक्रवार को वन्य प्राणी पर्षद की बैठक में लिया गया. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बिहार में […]
वन्य प्राणी पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की घोषणा
पटना : बिहार में अब हाथी खरीद कर कोई नहीं पालेगा. जिनके पास जो हाथी है, वे उसी की देखभाल करेंगे. उक्त निर्णय शुक्रवार को वन्य प्राणी पर्षद की बैठक में लिया गया. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बिहार में अन्य राज्यों से हाथी लाने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
बैठक में बिहार में लावारिस और बीमार हाथियों की देखभाल के लिए एक हाथी बचाव केंद्र स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया. गया के बाराचट्टी में हाथी बचाव एवं पुनर्वास केंद्र बनेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारत सरकार को प्रोजेक्ट एलिफैंट के तहत बिहार में बचाव केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भेजने का निर्देश वन विभाग को दिया. मुख्यमंत्री ने नील गायों के आतंक प्रभावित क्षेत्र में बख्तियारपुर को शामिल न किये जाने पर नाराजगी भी जतायी.
उन्होंने कहा कि बख्तियारपुर में वे बचपन में खुद नील गाय की चपेट में आ चुके हैं. मुख्यमंत्री ने पटना के न्यू कैपिटल एरिया में राष्ट्रीय पक्षी मोर को नियमित रूप से विचरण के लिए छोड़ने को कहा. उन्होंनेकहा कि जब मोर पक्षी की संख्या बढ़ेगी, तो वह दिखायी भी पड़ेगी. न्यू कैपिटल एरिया ग्रीनरी एरिया है. मोर को छोड़ने के लिए न्यू कैपिटल एरिया में अंडर ग्राउंड बिजली केबुल लगाये गये हैं. बिजली के खुले तार हटाये गये हैं. पटना के चिड़िया घर में मोर की संख्या बढ़ाने की भी सलाह दी.
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