पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आइजीआइएमएस में लाइब्रेरियन के पद पर नियुक्त स्वास्थ्य मंत्री की बेटी के इस्तीफे से यह साफ हो गया कि यह बहाली अवैध तरीके से हुई थी. उन्होंने पद का दुरुपयोग कर बेटी की अवैध नियुक्ति करानेवाले स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह को सरकार से बरखास्त करने की मांग की. साथ ही इस मामले में संलिप्त अन्य लोगों पर भी कठोर कार्रवाई की मांग की. मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के कारण ही दवा और ट्रांसफॉर्मर घोटाले की अब तक जांच नहीं हो पायी. दोषियों की गिरफ्तारी तो दूर प्राथमिकी दर्ज कराने से भी सरकार बच रही है.
मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की जीरो टॉलरेंस की हवा निकल चुकी है. मुख्यमंत्री बताएं कि भाजपा से गंठबंधन टूटने के बाद कितने भ्रष्टाचारियों की संपत्ति जब्त की गयी. कितने मकानों में स्कूल खोले गये? भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ने की नीतीश कुमार की घोषणा का क्या हुआ? ढाई साल में कितने भ्रष्टाचारियों को सरकार सजा दिला पायी है.
करीब सौ करोड़ के दवा घोटाले के तमाम तथ्यों को सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए. मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि दवा घोटाले में अब तक दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? घोटाले की राशि की अब तक वसूली क्यों नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ नीतीश कुमार के स्वास्थ्य विभाग के मंत्री रहने के दौरान दवा खरीद घोटाला हुआ है. घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री के कई करीबियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. 333 करोड़ से ज्यादा के ट्रांसफॉर्मर घोटाले को भी सरकार दबाना चाहती है.