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चलंत प्रयोगशाला से होगी मिट्टी के नमूने की जांच

पटना: राज्य में मिट्टी के नमूने संग्रह कर डिजिटल मैप तैयार करने और किसानों को उनके खेतों के मिट्टी के सेहत की जांच करने के लिए अब प्रयोगशाला ही उनके घर तक जायेगी. किसानों को मिट्टी के नमूने की जांच कराने के लिए जिला या प्रमंडल मुख्यालय तक नहीं दौड़ना होगा. इसके लिए कृषि विभाग […]

पटना: राज्य में मिट्टी के नमूने संग्रह कर डिजिटल मैप तैयार करने और किसानों को उनके खेतों के मिट्टी के सेहत की जांच करने के लिए अब प्रयोगशाला ही उनके घर तक जायेगी. किसानों को मिट्टी के नमूने की जांच कराने के लिए जिला या प्रमंडल मुख्यालय तक नहीं दौड़ना होगा.

इसके लिए कृषि विभाग ने चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला की व्यवस्था की है. सभी नौ प्रमंडलों के लिए एक-एक चलंत प्रयोगशाला को कार्य करने के लिए इन्हें हरी झंडी दिखाकर कृषि मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को रवाना किया. मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष के पास से इन वैनों को रवाना किया गया.

कृषि विभाग ने इस साल 48 लाख 41 हजार 240 किसानों को हेल्थ कार्ड मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है. इस बार पहली बार ‘मिट्टी बिहार’ नामक खास सॉफ्टवेयर की मदद से मिट्टी के नमूने लिये जा रहे हैं. इससे उस स्थान की सटीक लैटीट्यूड और लॉगीड्यूड की जानकारी भी दर्ज हो जायेगी. इससे किस स्थान से नमूना लिया गया है, यह भी पता चल जायेगा. इस कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश, प्रधान सचिव सुधीर कुमार, निदेशक धर्मेन्द्र सिंह, अरविंदर सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
हैदराबाद से मंगवायी गयी हैं गाड़ियां
हैदराबाद से मंगवाये गये ये खास किस्म की गाड़ियां चलती-फिरती अत्याधुनिक प्रयोगशाला हैं. प्रत्येक गाड़ी की कीमत 40 लाख रुपये है. बिहार में कुल 53.31 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिसमें 30.64 लाख हेक्टेयर सिंचित और 22.66 लाख हेक्टेयर असिंचित है. इनमें 14 लाख 52 हजार 373 मिट्टी के नमूनों को जांचने के लिए इस वर्ष संग्रह करने का लक्ष्य है. ताकि किसानों को उनकी मिट्टी का स्वायल हेल्थ कार्ड बनाकर दिया जा सके. इससे किसानों को यह पता चल सकेगा कि मिट्टी में कौन से उर्वरक या पोषक तत्वों की कमी है. इस कमी के आधार पर मिट्टी का सही उपचार करके पैदावार बढ़ायी जा सकती है. फसलों का सही विकास और कई तरह के रोगों से बचाव भी किया जा सकता है. इसके चलंत प्रयोगशाला की मदद से मिट्टी के नमूनों को जमा करने का काम किया जायेगा. साथ ही ऑन स्पॉट किसानों को हेल्थ कार्ड भी बना कर दे दिया जायेगा. सुदूर इलाकों के किसानों के लिए यह चलंत प्रयोगशाला बेहद लाभदायक साबित होगी.

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