मंगलवार को जनता दरबार के बाद लालू-नीतीश को किसान विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे समय में किसानों को बैंक से मिलनेवाले कर्ज पर समय से भुगतान करनेवालों को चार प्रतिशत के बजाय तीन प्रतिशत की दर से कर्ज मिलता था. किसानों को चार प्रतिशत सूद पर सरकार एक प्रतिशत सूद सब्सिडी देती थी. भाजपा के सरकार से हटने के बाद यह योजना बंद हो गयी. किसानों को तीन प्रतिशत के बजाय चार प्रतिशत सूद देना पड़ता है. नीतीश कुमार को किसानों को कोई चिंता नहीं है. किसानों के पैक्सों पर दो माह बीतने के बावजूद 840 करोड़ रुपये का बकाया है.
राज्य में अब तक चार किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन नीतीश कुमार आत्महत्या करनेवाले किसानों के परिजन से मिलने तक नहीं गये. मोदी ने कहा कि बिहार सरकार को घोर आर्थिक संकट में है. सरकार के पास पैसा नहीं है. इसलिए किसानों के धान की कीमत का भुगतान नहीं किया जा रहा है. मोदी ने कहा कि राज्य सरकार से गेहूं की खरीद पर प्रति क्विंटल तीन सौ रुपये की दर से बोनस देने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य में एक मई से गेहूं की खरीद का प्रावधान है. सरकार जान बूझ कर गेहूं की खरी में देरी से अधिसूचना जारी किया. ताकि किसान बाजार में गेहूं बेच दे. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में सरकार ने एक छटांक गेहूं की खरीद नहीं की है.