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तीन साल में भी सरकार नहीं खोज सकी एक करोड़ गरीब
आरोप-प्रत्यारोप में सस्ते अनाज से वंचित रह गये गरीब कुलभूषण पटना : राज्य सरकार तीन साल में भी एक करोड़ से अधिक गरीबों की पहचान नहीं कर सकी. इस वजह से खाद्य सुरक्षा कानून के बावजूद गरीबों को दो रुपये किलो की दर से गेहूं और तीन रुपये किलो की दर चावल का लाभ नहीं […]
आरोप-प्रत्यारोप में सस्ते अनाज से वंचित रह गये गरीब
कुलभूषण
पटना : राज्य सरकार तीन साल में भी एक करोड़ से अधिक गरीबों की पहचान नहीं कर सकी. इस वजह से खाद्य सुरक्षा कानून के बावजूद गरीबों को दो रुपये किलो की दर से गेहूं और तीन रुपये किलो की दर चावल का लाभ नहीं मिल सका. 2011 की जनगणना के आधार पर गरीबों की खोज शुरू हुई.
जो अबतक पूरा नहीं हो सका है. केंद्र सरकार बार-बार राज्य सरकार पर सूची नहीं सौंपने का आरोप लगा रही है. वहीं राज्य सरकार केंद्र को सौंपे कम से कम 49 लाख पांच हजार गरीबों को राशन देने की मांग कर रही है. खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून की फॉर्मूला के अनुसार आठ करोड़ 71 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा कानून का लाभ मिलेगा. वहीं राजय सरकार अब तक मात्र सात करोड़ 60 लाख 62 हजार 727 लोगों की ही सूची केंद्र सरकार को सौंपी है.
क्यों नहीं तैयार हुई सूची : खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधिकारी के अनुसार खाद्य सुरक्षा पारित होने के बाद राज्य सरकार ने केंद्र को किस्त में लाभार्थी की सूची सौंपी. दावा और आपत्ति के निष्पादन के बाद राज्य सरकार ने केंद्र को 49 लाख पांच हजार लाभार्थी की सूची केंद्र को सौंपी. सौंपी गयी सूची डिजिटल रूप में केंद्र सरकार को मिलनी चाहिए थी, लेकिन पूरी सूची का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा इमेज रूप में सौंप दिया गया.
केंद्र ने इसी को बड़ी वजह बनाते हुए बिहार को 49 लाख पांच हजार लोगों को खाद्यान्न आवंटित करने से इनकार कर दिया. इसके बावजूद राज्य सरकार को कम से कम 60 लाख से अधिक गरीबों की पहचान करना शेष रह गया है.
15 जुलाई तक तैयार हो जायेगी सूची : खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि केंद्र सरकार को छह माह पूर्व ही 49 लाख पांच हजार लोगों की सूची केंद्र सरकार को सौंप दी है. केंद्र सरकार कम से कम संपूर्ण रूप से तैयार 49 लाख पांच हजार लोगों के लिए तो अनाज दे. अन्य लगभग 61 लाख लाख लोगों की पहचान कर करने के बारे में रजक ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सूची को अंतिम रूप से तैयार किया जा रहा है. इसे 15 जुलाई तक केंद्र सरकार को सौंप दिया जायेगा.
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