संवाददाता, पटनाप्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए केंद्र पैसे नहीं दे रहा. इसके कारण प्रदेश में इस योजना के तहत चयन की गयी सड़कों का निर्माण अधूरा पड़ा है. राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा स्वीकृत 47 फीसदी राशि से राज्य के 51 फीसदी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है. बिहार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 36 हजार किलोमीटर सड़कों की स्वीकृति दी गयी है. स्थिति यह है कि वर्तमान में ग्रामीण कार्य विभाग को 912 करोड़ की केंद्र ने स्वीकृति प्रदान की है जबकि राज्य सरकार ने पूर्व में ही 924 करोड़ रुपया खर्च कर दिया है. बिहार के गांवों को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों से जोड़ने के लिए अभी 11 हजार करोड़ केंद्र सरकार से चाहिए. राज्य सरकार ने अभी तक स्वीकृत 36 हजार किलोमीटर की जगह पर 20 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण करा लिया है. जो पैसा केंद्र से स्वीकृत भी किया गया है, उसमें 912 करोड़ रुपये राज्य में आकर विभिन्न विभागों में फंसा हुआ है. एक माह से यह राशि ग्रामीण कार्य विभाग को नहीं दिया गया है. अभी सड़कों के निर्माण के लिए माकूल समय है. विभाग को अगर समय पर 4200 करोड़ रुपये दे दिये जाये तो इस वर्ष पांच हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो जायेगा. केंद्र से राशि अगर नहीं मिलती है और राज्य सरकार अपने कोष से दो हजार करोड़ स्वीकृत कर देती है तो राज्य के पांच हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो जायेगा. केंद्र सरकार ने बिहार को इस वित्तीय वर्ष में 2281 करोड़ आवंटित किये हैं, जिसमें 912 करोड़ रुपये जारी किया गया है. इस राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र सौंपे जाने के बाद ही केंद्र से शेष राशि मिलेगी.
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केंद्र पैसे नहीं दे रहा, फंस गयी है प्र्नधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
संवाददाता, पटनाप्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए केंद्र पैसे नहीं दे रहा. इसके कारण प्रदेश में इस योजना के तहत चयन की गयी सड़कों का निर्माण अधूरा पड़ा है. राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा स्वीकृत 47 फीसदी राशि से राज्य के 51 फीसदी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है. बिहार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क […]
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