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अपने ही स्कूल में 11वीं में नामांकन के लिए 10वीं का देना पड़ता टीसी, टीसी में होता है पैसे का खेल

पटना: नामांकन, फीस बढ़ोतरी, एडमिशन चार्ज में मनमानी के बाद प्राइवेट स्कूल स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ भी मनमानी करने से बाज नहीं आते हैं. 10वीं बोर्ड की परीक्षा देने के बाद स्टूडेंट्स को उसी स्कूल से निकाल दिया जाता है, जिसमें वह पिछले 10 साल से पढ़ाई करते रहे हैं. 11वीं में नामांकन के […]

पटना: नामांकन, फीस बढ़ोतरी, एडमिशन चार्ज में मनमानी के बाद प्राइवेट स्कूल स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ भी मनमानी करने से बाज नहीं आते हैं. 10वीं बोर्ड की परीक्षा देने के बाद स्टूडेंट्स को उसी स्कूल से निकाल दिया जाता है, जिसमें वह पिछले 10 साल से पढ़ाई करते रहे हैं. 11वीं में नामांकन के लिए नये सिरे से नामांकन की प्रक्रिया में शामिल होना पड़ता है. यह स्थिति कोई एक स्कूल की नहीं, बल्कि पटना के तमाम स्कूलों की है. हर स्कूल 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया नये सिरे से शुरू करता है. इस प्रक्रिया में बाहरी स्टूडेंट्स भी शामिल होते हैं.
अधिकांश स्टूडेंट्स 10वीं पास करने के बाद अपने ही स्कूल में 11वीं की भी पढ़ाई करना चाहते हैं. उन्हें यह मौका मिलता तो है, पर उन्हें नये सिरे से एडमिशन लेना होता है. इसके लिए उन्हें भी नये स्टूडेंट्स की कतार में खड़ा होना पड़ता है. 10वीं रिजल्ट निकलने के बाद स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. वहीं 10वीं बोर्ड का रिजल्ट आने के साथ ही स्कूलों की ओर से स्टूडेंट्स को टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) दे दिया जाता है. अभिभावक राम किशोर ने बताया कि बिना टीसी के नामांकन के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते हैं. ऐसे में अब स्कूल से टीसी लेना अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसे में यह दुर्भाग्य है कि जिस स्कूल में 11वीं छात्र एडमिशन लेता है, वह उसी स्कूल से 10वीं में टीसी भी लेता है.
तर्क
बाहर के स्टूडेंट्स को देना चाहते हैं मौका
सीबीएसइ के कुछ स्कूलों का मानना है कि अगर 10वीं में पास करनेवाले तमाम स्टूडेंट्स का नामांकन ले लिया जायेगा, तो बाहर के स्टूडेंट्स को मौका नहीं मिल पायेगा. लोयेला हाइस्कूल से मिली जानकारी के अनुसार अपने स्कूल के स्टूडेंट्स को 11वीं में नामांकन में थोड़ी छूट दी जाती है, कम परसेंटेज पर नामांकन लिया जाता है. लेकिन दूसरे बोर्ड के अच्छे स्टूडेंट्स को भी मौका मिले, तो उनके लिए एंट्रेंस लेना पड़ता है. वहीं डीपीएस पटना के अनुसार जो स्टूडेंट्स 10वीं बोर्ड की परीक्षा में कम अंक लाते हैं, उन्हें बिना प्रवेश परीक्षा के स्कूल में नामांकन नहीं मिलता है.
हकीकत
होती है मोटी कमाई
11वीं में नामांकन में स्कूल की मोटी कमाई होती है. अलग-अलग स्टीम में नामांकन के लिए स्कूलवाले स्टूडेंट्स से अच्छे खासे फीस लेते हैं. नामांकन फी के तौर पर 20 हजार से लेकर 80 हजार तक का फी स्कूल की ओर से लिया जाता है. हर स्कूल 11वीं में नामांकन में मन मरजी पैसा वसूलते हैं.
नियम
क्या कहता है सीबीएसइ
सीबीएसइ के अनुसार कोई भी स्कूल 10वीं के वैसे स्टूडेंट्स पर टीसी देने का दबाव नहीं डाल सकता है, जो उसी स्कूल में एडमिशन लेना चाहते हैं. कोई भी स्कूल किसी स्टूडेंट को टीसी तभी देगा, जब वह उस स्कूल को छोड़ना चाहेगा. सीबीएसइ के पास इसकी जानकारी नहीं है कि कोई स्कूल इस तरह की हरकतें कर रहा है. इस कारण सीबीएसइ ने वेबसाइट पर एक लेटर डाला है. अभिभावकों के नाम से यह लेटर उन प्वाइंट पर फोकस किया गया हैं, जिसमें अभिभावक स्कूल की ओर से ठगे जा रहे हैं. खासकर 11वीं के नामांकन के लिए सीबीएसइ ने खुल कर अभिभावकों को सामने आने के लिए कहा है .
अभिभावक की बातें
पिछले साल 2014 में मेरी बेटी ने डीएवी से 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास की, लेकिन जब 11वीं में नामांकन करवाने गयी तो स्कूल की ओर से आवेदन फॉर्म भरने को कहा गया. बाद में पता चला कि बिना आवेदन फॉर्म भरे और प्रवेश परीक्षा लिये बिना 11वीं में नामांकन नहीं हो सकता है. इसके बाद क्या करते. नामांकन तो हो गया, लेकिन नामांकन फीस में 30 हजार रुपये स्कूल की ओर से लिये गये.
रश्मि सिंह
11वीं में नामांकन के पहले स्कूल की ओर टीसी दे दिया जाता है. यह कहिए कि स्टूडेंट्स को स्कूल से निकाल दिया जाता है. अब अगर उसी स्कूल में नामांकन लेना है, तो बिना आवेदन किये नामांकन नहीं मिलता है. ऐसे में हमें काफी परेशानी होती है और खर्च भी काफी होता है.
प्रसन्न भारद्वाज

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