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मध्यप्रदेश व्यापमं घोटाला : चार छात्रों को पकड़ने पीएमसीएच पहुंची एसटीएफ की टीम

पटना : मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले के बाद एमपी एसटीएफ पिछले तीन माह से बिहार के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में आकर आरोपित छात्रों को खोज रही है. इस कड़ी में मंगलवार को चार छात्रों को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ की टीम पटना मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां से छात्रों के नाम लिये और […]

पटना : मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले के बाद एमपी एसटीएफ पिछले तीन माह से बिहार के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में आकर आरोपित छात्रों को खोज रही है.
इस कड़ी में मंगलवार को चार छात्रों को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ की टीम पटना मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां से छात्रों के नाम लिये और प्राचार्य से मिलने के बाद रेकॉर्ड रूम से 35 छात्रों के कागजात उठाये. कॉलेज सूत्रों की मानें, तो इसके पहले जिन छात्रों को पुलिस खोजने पीएमसीएच आयी थी, वे सभी किसी-न-किसी मेडिकल कॉलेज में अब भी पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन, जिन छात्रों की फाइल एसटीएफ ने अभी ली है, वे ऐसे छात्र हैं, जो कॉलेज छोड़ चुके हैं और अब इनके मामले में कॉलेज चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता है.
चार छात्रों को गिरफ्तार करने पहुंची एसटीएफ
जिन चार छात्रों को गिरफ्तार करने एमपी एसटीएफ की टीम पीएमसीएच पहुंची थी, उनमें त्रिभुवन प्रसाद (मधुबनी), रवि कुमार (सदाकत आश्रम, पटना), सौरभ कुमार (कटिहार), अनिल कुमार (सासाराम) शामिल हैं. एसटीएफ टीम से मिली जानकारी के मुताबिक, इनमें से दो छात्र दूसरे की जगह पर परीक्षा देने के लिए नहीं बैठते थे. ये परीक्षार्थियों के आगे-पीछे बैठ कर उन्हें उत्तर बताते थे और इसके लिए इनको पैसे मिलते थे. यह जानकारी पूर्व में पकड़े गये छात्रों से मिली है.
इन छात्रों को पकड़ने के लिए एसटीएफ छापेमारी कर रही है और आशंका के आधार पर 35 और छात्रों की फाइल ले गयी है. टीम के मुताबिक इस घोटाले में अब तक 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं.
इसके पहले भी फरवरी में जब एमपी पुलिस पीएमसीएच आयी थी, तो उस वक्त तीन छात्रों का पता मांगा था. लेकिन, प्राचार्य के छुट्टी पर रहने के कारण उन छात्रों का पता नहीं मिल पाया था और प्राचार्य ने बाद में उन छात्रों का पता बताया था, जिसके बाद पुलिस छात्रों के घर पहुंची थी.
जानकारी के मुताबिक जिन छात्रों की पहचान हुई है, वे मधेपुरा, नालंदा व मुजफ्फरपुर के हैं. ये तीनों छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई करनेवाले यूजी छात्र हैं. अगर इन छात्रों पर मामला साबित हो गया, तो कोर्ट के आदेश के बाद इनका नामांकन रद्द कर दिया जायेगा. दूसरी ओर एसटीएफ अन्य मेडिकल कॉलेजों से भी छात्रों का फाइल लेकर गयी थी.
क्या है आरोप
एमपी व्यावसायिक परीक्षा मंडल की ओर से आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट परीक्षा के तहत 2006 से लेकर 2013 तक 300 से अधिक छात्रों को पैसा लेकर सफल कराया गया था. इस परीक्षा में विभिन्न राज्यों से मेडिकल के स्कॉलर छात्रों को शामिल किया गया था, जिसने दूसरे की जगह पर परीक्षा दिया था और इसके एवज में इन छात्रों को लाखों रुपये दिये गये थे.
कोट
एसटीएफ की टीम आयी थी और चार छात्रों को खोज रही थी. इस मामले में रेकॉर्ड रूम गयी थी. इसके पहले जब एसटीएफ की टीम पहुंची थी और उन्होंने तीन छात्रों का पता मांगा था, जिसे हमने दे दिया है. इसके बाद अब कोर्ट का जो आदेश होगा, उसके बाद इन छात्रों पर कार्रवाई होगी. अगर नामांकन रद्द करने की बात आयेगी, तो इन तीनों छात्रों का नामांकन रद्द किया जायेगा.
डॉ एसएन सिन्हा, प्राचार्य, पीएमसी

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