अनुमंडल स्तर पर अग्निशामन की सुविधा जल्द बहाल की जायेगी. सोमवार को सीएम सचिवालय के संवाद कक्ष में आयोजित बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान 49 थाना, 44 भवन समेत 116 नवनिर्मित पुलिस भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन किया.
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किसी भी आपदा में राहत पहुंचाने के लिए दक्ष बने पुलिस बल : सीएम
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस बलों को सुरक्षा के अलावा किसी आपदा की स्थिति में भी राहत पहुंचाने में दक्ष बनाने को कहा है. इसके लिए पुलिस बलों को हर तरह की ट्रेनिंग और जरूरी प्रशिक्षण दिलाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में सबसे पहले लोग थाना की […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस बलों को सुरक्षा के अलावा किसी आपदा की स्थिति में भी राहत पहुंचाने में दक्ष बनाने को कहा है. इसके लिए पुलिस बलों को हर तरह की ट्रेनिंग और जरूरी प्रशिक्षण दिलाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में सबसे पहले लोग थाना की तरफ ही दौड़ते हैं. लोग पुलिस को लाख कोसे, लेकिन उम्मीद भी सबसे ज्यादा इन्हीं से होती है. अग्निकांड जैसी आपदा से निबटने के लिए सभी थानों को तैयार रखा जाये.
सीएम ने कहा कि सभी नये और पुराने पुलिस भवनों और थानों में महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग से व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने इसके लिए पुलिस महकमे को तैयार करने का आदेश दिया. कहा कि सिपाही और आरक्षी स्तर पर भरती में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण देने से इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में इनके रहने, शौचालय समेत अन्य तरह की सुविधाओं पर खास ध्यान देने की जरूरत है. जो भी नये पुलिस भवन बने, उसमें इस बातों का ध्यान रखते हुए खासतौर से योजना तैयार करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी अग्निकांड में रिस्पांस जितना तेज होगा, बरबादी उतनी कम होगी. पुलिस को इस पर खासतौर से ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पुराने पुलिस थानों की रेट्रोफिटिंग करवा कर इन्हें भूकंपरोधी बनाये जाएं, जबकि नये भवन भूकंप रोधी ही तैयार किये जाएं. उन्होंने कहा कि पुलिस लाइन का विस्तार करें. बेहतर काम करने वाले पदाधिकारी पुरस्कृत किये जायेंगे.
राजगीर का पुलिस एकेडमी मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट : मुख्यमंत्री ने राजगीर में बन रहे पुलिस प्रशिक्षण एकेडमी के निर्माण की गति बेहद धीमी होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसका निर्माण अगस्त, 2014 में ही हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक नहीं हुआ है. केंद्रीय एजेंसी इआइएल इसका निर्माण करवा रही है. फिर भी काम में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि इसका निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ जल्द पूरा करें. इसमें डीएसपी स्तर के सभी पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग होगी. इस भवन को इतना मजबूत और भूकंपरोधी बनाया जा रहा है कि किसी जबरदस्त भूकंप में सब कुछ नेस्तनाबूत होने पर भी इसका एक टॉवर बचा रहेगा. सीएम ने पुलिस निगम को भी ऐसी तकनीक सीखने को कहा, जिससे किसी भी परिस्थिति में कोई संरचना तुरंत तैयार की जा सके.
प्रत्येक 100 सिपाही में 15-20 को ही आवास : डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित सभी थानों में जल्द ही जेनरेटर की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. भवन निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए. राज्य में प्रत्येक 100 सिपाही में महज 15-20 को ही आवासीय सुविधा उपलब्ध है. पदाधिकारी स्तर पर भी 25-30 प्रतिशत को ही आवास मिल पाता है. आवासीय भवनों का निर्माण ज्यादा से ज्यादा संख्या में कराना चाहिए. गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि नयी परियोजना समय से शुरू हो और पुरानी परियोजना समय पर पूरी हो, इस ध्यान देने की जरूरत है. स्वागत संबोधन निगम के प्रबंधन निदेशक एके उपाध्याय ने किया. इस दौरान सभी एडीजी, आइजी समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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