यह हाल किसी एक स्टूडेंट का नहीं है, बल्कि पटना समेत पूरे बिहार के हजारों ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जो हर साल इस समस्या से जूझते हैं. पूरे बिहार में आठ हजार पाइवेट स्कूल हैं. लेकिन, इनमें से सिर्फ 667 स्कूल को सीबीएसइ ने मान्यता दे रखी है, आइसीएसइ बोर्ड से 20 स्कूल मान्यताप्राप्त हैं. बाकी करीब 7300 प्राइवेट स्कूल को किसी भी बोर्ड से मान्यता नहीं प्राप्त है. ऐसे में गैर मान्यताप्राप्त स्कूल मान्यतावाले स्कूलों को मोटी रकम देकर अपने स्कूल के स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन उस स्कूल से करवाते हैं.
बिहार के अधिकतर प्राइवेट स्कूल बिना मान्यतावाले हैं. लेकिन, वे अभिभावकों और स्टूडेंट्स को ठगने के लिए सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड का लोगो और बैनर का इस्तेमाल करते हैं. इस बैनर और लोगो की गलतफहमी में अभिभावक ठगे जाते हैं. क्लास एक से आठवीं तक तो परेशानी नहीं होती है. लेकिन, जब नौवीं में बोर्ड के रजिस्ट्रेशन करवाने का मामला सामने आता है, तो अभिभावकों को पता चलता हैं कि उनके बच्चे जिस स्कूल में पढ़ रहे हैं, वह मान्यताप्राप्त नहीं है.