रिपोर्ट के बाद 100 डॉक्टरों के वेतन काटे गये हैं, वहीं 12 सिविल सजर्न से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिन्होंने इन डॉक्टरों का सहयोग किया है. इसके अलावा 39 ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्होंने स्पष्टीकरण के बाद दोबारा ड्यूटी से गायब पाये गये हैं और निरीक्षण में पकड़े गये हैं. इन डॉक्टरों पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई विभाग की ओर से चलायी जायेगी. सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में सबसे अधिक पटना, गया, मुजफ्फरपुर व दरभंगा के डॉक्टर हैं, जो अपने काम से गायब मिले हैं.
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कार्रवाई. अस्पतालों में रात की डय़ूटी से गायब मिले डॉक्टर, मॉनीटरिंग में हुआ खुलासा
पटना: बिहार में लोगों को किस स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है, इसकी समीक्षा पांच मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. इसके बाद सीएम सचिवालय व बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में 38 टीमें बनायी गयीं, जिन्होंने निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. रिपोर्ट के […]
पटना: बिहार में लोगों को किस स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है, इसकी समीक्षा पांच मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. इसके बाद सीएम सचिवालय व बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में 38 टीमें बनायी गयीं, जिन्होंने निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है.
मेडिकल कॉलेज के भी डॉक्टर हैं शामिल
जांच टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें छह डॉक्टर पीएमसीएच के भी हैं, जो देर रात ड्यूटी से गायब मिले थे. इसके अलावा एनएमसीएच, बेतिया, मुजफ्फरपुर के भी डॉक्टर हैं, जो अपने काम के दौरान ड्यूटी से गायब रहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक रात में मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की संख्या कम रहती है और वह अपने निजी क्लिनिक में अधिक समय देते हैं. इसकी पुष्टि भी हो चुकी है.
मुख्यमंत्री के आदेश पर सभी अस्पतालों का हाल जानने के लिए कई टीमें गठित की गयी थीं. इन टीमों की रिपोर्ट मिलने के बाद डॉक्टरों का एक दिन का वेतन काटा गया है. साथ ही वैसे सिविल सजर्नों से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है, जो इन डॉक्टरों को गायब रहने में उनकी मदद करते थे.
आनंद किशोर, स्वास्थ्य सचिव
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