केंद्र सरकार की नीतियों को ले कर जनता के बीच बढ़ रहे विक्षोभ ने प्रगतिशील ताकतों को एक होने का मौका दे दिया है. इस मोरचे पर भाकपा-माले ने कई काम भी किये हैं. अखिल भारतीय लोक मंच और ऑल इंडिया पुपिल्स फोरम आदि का गठन हुआ है.
माले की केंद्रीय कमेटी की बैठक में देश और बिहार की हालिया राजनीतिक घटनाक्रम पर भी लंबी तकरीर हुई. बैठक में माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि हाल ही में फसलों की हुई क्षति का मुआवजा देने में बिहार सरकार नाकाम रही है. ग्रामीण रोजगार गारंटी और खाद्य सुरक्षा कानून में कांट-छांट करने और उन्हें शिथिल करने की कोशिशों को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है. बैठक में माले के वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, कविता कृष्णन, माले के राज्य सचिव कुणाल, राम जी रॉय, एस कुमार स्वामी, डीपी बक्शी, कार्तिक पाल, रुबुल शर्मा, बाला सुंदरम, भुवना, राम जतन शर्मा, धीरेंद्र झा, नंद किशोर प्रसाद, मीना तिवारी, सरोज चौबे, राजा राम सिंह, रामेश्वर प्रसाद, शशि यादव, महबूब आलम और सलीम आदि मौजूद थे. माले की केंद्रीय कमेटी की बैठक कल भी जारी रहेगी.