पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि तीन साल से सरकार किसानों को फसल बीमा मद की राशि का भुगतान नहीं कर रही है. इसमें रबी के दो और एक खरीफ मौसम आधारित फसल बीमा योजना का करीब 600 करोड़ रुपये किसानों को अब तक इस लिए नहीं मिल पाया है, क्योंकि राज्य सरकार ने कृषि बीमा निगम और निजी बीमा कंपनियों को अपना अंशदान जमा नहीं किया है.
फसल बीमा राशि का भुगतान नहीं होने, प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति और धान खरीद नहीं होने के कारण आत्महत्या को विवश हैं. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षो से किसान फसल बीमा की राशि की बाट जोह रहे हैं. रबी मौसम 2011-12 में 23 जिलों के किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा मद के 84़24 करोड़ रुपये और 2012-13 में 13 जिलों के किसानों को 158 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है. खरीफ मौसम 2014 की फसल बीमा योजना अंतर्गत 174 करोड़ 88 लाख रुपये के भुगतान से किसान अब तक वंचित है.
सरकारी क्षेत्र के कृषि बीमा निगम के 417़12 करोड़ रुपयों के साथ अगर सात निजी बीमा कंपनियों आइसीआइसीआइ लोंबार्ड और एचडीएफसी सहित अन्य के बकाये को भी जोड़ दिया जाये, तो फसल बीमा मद में किसानों का करीब 600 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है. फरवरी में भीषण शीतलहर और मार्च-अप्रैल में भारी वर्षा, ओलावृष्टि तथा चक्रवाती तूफान से करीब 13 लाख हेक्टेयर में लगी फसल तबाह हो गयी. 20 लाख किसान प्रभावित हुए हैं. केंद्र सरकार ने 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर भी मुआवजे के भुगतान का प्रावधान किया है व मुआवजा डेढ़ कर दिया. एक माह बाद भी कृषि इनपुट अनुदान का भुगतान नहीं हो सका है. विधानसभा में मुख्यमंत्री ने सात दिन के अंदर भुगतान करने की घोषणा की थी. हकीकत है कि अब तक क्षति के आंकलन का सर्वे कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है.