पटना: पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित कमल नर्सिग होम में शुक्रवार की सुबह महिला मरीज नेहा देवी (20 वर्षीया) की मौत के बाद परिजनों ने जम कर हंगामा व तोड़फोड़ की. नेहा को डिलिवरी के लिए करीब दस दिनों पहले कमल नर्सिग होम में भरती कराया गया था. वह राजापुर की रहनेवाली थी. हंगामा कर रहे लोगों को शांत करने के लिए मौके पर वज्रवाहन के साथ भारी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे. परिजनों के बयान पर नर्सिग होम के डॉक्टरों के खिलाफ पाटलिपुत्र थाने में लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया गया है. वहीं डॉक्टर अनिल कुमार तिवारी की ओर से भी थाने में मरीज के परिजनों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है. डॉ अनिल ने कहा कि लापरवाही नहीं बरती गयी है.
45 बोतल खून भी चढ़ा
नेहा के पति सोनू कुमार ने बताया कि करीब दस दिन पहले उसे नर्सिग होम में डिलिवरी के लिए भरती कराया गया था. 31 दिसंबर को नेहा ने एक लड़की को जन्म दिया. जन्म देने के बाद उसका ऑपरेशन किया गया था. इसके बाद से ही नेहा को दिक्कत हो रही थी. जब मामला डॉक्टर से नहीं संभला, तो उसने नेहा को राजेंद्रनगर स्थित एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया.
वहां भी उसका दूसरा ऑपरेशन किया गया. इसके बाद भी नेहा की हालत ठीक नहीं हुई. उसे करीब 45 बोतल खून भी चढ़ाया गया. दो दिनों पहले नेहा को न्यू बाइपास के समीप स्थित एक अन्य निजी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया. शुक्रवार की सुबह साढ़े तीन बजे नेहा ने दम तोड़ दिया. सोनू का कहना है कि पूरे इलाज के दौरान उससे करीब चार लाख रुपये लिये गये.