पिकू पर हुई चर्चा, डॉक्टरों ने रखी अपनी राय संवाददाता, पटना शिशु विभाग को जेनरल वार्ड से लेकर आइसीयू बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है. इसको लेकर जिला स्वास्थ्य समिति की टीम ने शिशु विभाग में बढ़ायी जानेवाली सुविधाओं को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिस पर स्वास्थ्य विभाग की स्वीकृति मिल चुकी है. ये बातें गुरुवार को पीएमसीएच शिशु विभाग में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए पीएमसी प्राचार्य डॉ एस.एन.सिन्हा ने कहीं. उन्होंने कहा कि पिकू (पेडियाट्रिक इनटेंसिव केयर यूनिट) में बच्चों को किसी तरह से बेहतर स्वास्थ्य लाभ दिया जा सके, इसको लेकर डॉक्टरों ने अपनी राय रखी. शिशु विभाग के एचओडी डॉ नीलम वर्मा ने कहा कि सांप डसने, मिरगी, लीवर की बीमारी, मधुमेह, कोमा जैसे गंभीर बच्चे जब पिकू में भरती होते हैं, तो उनका केयर बड़ी सावधानी से करना पड़ता है. सांप डसने के मामले में अधिकतर भिभावक डरे रहते हैं कि अब उनका बच्चा नहीं बचेगा,लेकिन ऐसी बात नहीं हैं. 80 प्रतिशत सांप ऐसे होते हैं, जिनमें कोई जहर नहीं होता है. इसके अलावा 20 प्रतिशत सांप ऐसे हैं, जिनके डसने के बाद बच्चे का इलाज ठीक से नहीं किया गया, तो वे विकलांग तक हो जाते हैं. कार्यक्रम में आर्यभट्ट ज्ञान विवि के कुलपति व पीएमसीएच न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ एके अग्रवाल, डॉ अलका सिंह, डॉ हेमंत कुमार, डॉ विद्या कपूर, डॉ निगम नारायण व डॉ गोपाल शरण समेत कई डॉक्टर मौजूद थे.
पीएमसीएच शिशु रोग विभाग में बढ़ेंगे बेड व आइसीयू : प्राचार्य
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