पटना: पीएमसीएच में एक माह में एक-एक नया सिटी स्कैन व एमआरआइ मशीन लग जायेंगी. स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर बीएमएसआइसीएल को टेंडर निकाल कर जल्द-से-जल्द परिसर में जांच मशीन लगाने का निर्देश दिया है. मशीन लगने पर इलाज के लिए आनेवाले गंभीर मरीजों की जांच परिसर में हो पायेगी. फिलहाल एक सिटी स्कैन मशीन […]
पटना: पीएमसीएच में एक माह में एक-एक नया सिटी स्कैन व एमआरआइ मशीन लग जायेंगी. स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर बीएमएसआइसीएल को टेंडर निकाल कर जल्द-से-जल्द परिसर में जांच मशीन लगाने का निर्देश दिया है. मशीन लगने पर इलाज के लिए आनेवाले गंभीर मरीजों की जांच परिसर में हो पायेगी.
फिलहाल एक सिटी स्कैन मशीन होने से मरीजों को दिक्कत होती है. निगम को मिले इस निर्देश के बाद वहां से एक टीम अस्पताल पहुंची और जगह का चयन किया, लेकिन इसे चयनित जगह पर लगाने का निर्णय इंजीनियरिंग शाखा की राय लेने के बाद ही होगा. इसको लेकर बुधवार को पीएमसीएच में एक बैठक बुलायी गयी है, जिसमें मशीन लगाने व अन्य नयी सुविधा बहाल करने को लेकर चर्चा होगी. बैठक में रेडियोलॉजी के एचओडी को बुलाया गया है.
बाहर जांच से मिलेगी राहत : पीएमसीएच इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक में डेली लगभग 120 मरीजों को सिटी स्कैन व एमआरआइ के लिए लिखा जाता है. जिन मरीजों को सिटी स्कैन तुरंत कराना है, उनको जांच के लिए बाहर जाना पड़ता है. पीएमसीएच में अभी एक ही सिटी स्कैन मशीन काम कर रही है और वहां मरीजों की लंबी लाइन होती है. ऐसे में ओपीडी से आये मरीजों को तीन दिन बाद का नंबर दिया जाता है. दूसरी ओर एमआरआइ के लिए परिसर में कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण से मरीजों को इसकी जांच बाहर करानी पड़ती है. कभी-कभी गलत लैब में जांच हो जाने से उन्हें दोबारा जांच करानी पड़ती है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ काफी बढ़ जाता है. परिसर में ही मशीनों के लग जाने से मरीजों को राहत मिलेगी.
बाहर में दोनों जांच में लगते हैं अधिक पैसे : पीएमसीएच के मरीजों को बाहर जांच कराने के लिए सामान्य सिटी स्कैन के लिए 1500 से अधिक देने पड़ते हैं, लेकिन इसी जांच के लिए अस्पताल में 900 रुपये लगते हैं. इसी तरह एमआरआइ की जांच बाहर कराने पर 5000 हजार रुपये लगते हैं, लेकिन परिसर में जब इसकी जांच शुरू हो जायेगी, तो मरीजों को सामान्य जांच के लिए 3000 रुपये देने पड़ेंगे. यही नहीं मरीजों को रिपोर्ट भी जल्द मिल जायेगी.
योजना पूर्व से स्वीकृत थी, लेकिन अब इस पर अंतिम मुहर लग गयी है. एक माह में दोनों मशीनें लग जायेंगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बीएमएसआइसीएल को दिशा-निर्देश दियाहै. पीपीपी मोड में मशीनों के लग जाने से मिनिमम राशि में जांच की सुविधा मिल जायेगी और उसकी रिपोर्ट भी जल्द मिलेगी.
डॉ लखींद्र प्रसाद
अधीक्षक,पीएमसीएच