आक्रोशित लोगों को पुलिस ने तीन बार खदेड़ा और पत्थरबाजी करने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में लिया है. पत्थरबाजी की घटना सुन सदर डीएसपी रमाकांत मौके पर पहुंचे. इसके अलावा कंकड़बाग, जक्कनपुर, बेऊर व रामकृष्णा नगर आदि थानों की भी पुलिस पहुंच गयी. इस दौरान सदर डीएसपी के अंगरक्षक महेश व पुलिस लाइन में तैनात एक सिपाही को हाथ पर पत्थर लगा, जिससे वह चोटिल हो गये. उनका इलाज कराया गया है. पुलिस ने पत्थरबाजी करने के आरोप में दो लोगों को हिरासत में ले लिया है.
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मौत की रफ्तार: बाइक सवार दंपती को ट्रक ने रौंदा, मौत
पटना: बाइपास रोड से मीठापुर बस स्टैंड की तरफ टर्न लेने के लिए बाइक सवार दंपती ने जैसे ही अपनी गाड़ी रोकी, पीछे से आ रहे ट्रक ने उन्हें रौंद दिया. दोनों की घटनास्थल पर मौत हो गयी. दुर्घटना के बाद स्थानीय लोग भड़क गये. लोगों ने सड़क जाम कर दी और पुलिस को शवों […]
पटना: बाइपास रोड से मीठापुर बस स्टैंड की तरफ टर्न लेने के लिए बाइक सवार दंपती ने जैसे ही अपनी गाड़ी रोकी, पीछे से आ रहे ट्रक ने उन्हें रौंद दिया. दोनों की घटनास्थल पर मौत हो गयी. दुर्घटना के बाद स्थानीय लोग भड़क गये. लोगों ने सड़क जाम कर दी और पुलिस को शवों को उठाने से रोक दिया. घटना के विरोध में काफी देर तक लोगों ने हंगामा किया. झड़प के बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया और शव को कब्जे में लेकर थाने लाया.
डॉक्टर से दिखाने के बाद लौट रहे थे घर
औरंगाबाद के मूल निवासी बबलू तिवारी का बेऊर के विशुनपुर पकड़ी में मकान है. वह पिछले पांच सालों से पकड़ी में ही रहते हैं. हाजीपुर में उनका लाइन होटल है. बबलू के दो बेटे रोशन और उज्ज्वल हैं और एक बेटी है. रविवार को बबलू तिवारी (48) अपनी पत्नी पूनम देवी (42) को इलाज के लिए कंकड़बाग लेकर आये थे. पत्नी को दिखाने के बाद वह अपनी बाइक संख्या (बीआर 01 बीएम 2587) से वापस घर लौट रहे थे. दिन के करीब 11 बजे वह बाइपास रोड से आ रहे थे और जैसे ही मीठापुर बस स्टैंड की तरफ मुड़ने के लिए बाइक में ब्रेक लगायी, उसी दौरान ट्रक (संख्या बीआर 23 जी 9693) ने बाइक में टक्कर मार दी. इससे बाइक सवार दंपती ट्रक के पहिये के नीचे आ गयी. उधर ट्रक छोड़ कर चालक फरार हो गया.
हॉस्पिटल पहुंचाते तो बच सकती थी महिला की जान!
ट्रक दुर्घटना के बाद बबलू की तो मौके पर ही मौत हो गयी थी, लेकिन उनकी पत्नी जिंदा थी. वह सड़क पर तड़प रही थी. लोगों का आरोप है कि पुलिस ने कुछ नहीं किया. बार-बार एंबुलेंस बुलाने की मांग की जा रही थी, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बन कर रह गयी. एंबुलेंस को नहीं बुलाया गया. इसी बात को लेकर लोग ज्यादा नाराज थे. लोगों को कहना था कि यदि समय रहते महिला को हॉस्पिटल ले जाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी.
पुलिस पर लगाया वसूली का आरोप
दुर्घटना के बाद बस स्टैंड मोड़ पर ब्रेकर की मांग की जा रही थी. लोगों का कहना था कि ब्रेकर नहीं होने से गाड़ियां तेज स्पीड में आती हैं, ऐसे में जो लोग टर्न लेना चाहते हैं, वह अक्सर हादसे के शिकार होते हैं. लोगों का आरोप था कि मोड़ पर मौजूद पुलिसकर्मी गाड़ियों से पैसा वसूली करते हैं.
वाहनों के तोड़े गये शीशे
दुर्घटना के विरोध में लोगों ने कई वाहनों पर पत्थर मार कर शीशे तोड़ दिये. बाइपास जाम कर दिया गया. पुलिस ने जब भीड़ के बीच पहुंच कर शवों को उठाने की कोशिश की, तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान तीखी बहस हुई. भीड़ को भगाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसके विरोध में पत्थरबाजी की गयी. करीब एक घंटे तक हंगामा चला और बाइपास मार्ग जाम रहा.
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