पटना: हाइकोर्ट ने राजधानी में बहुमंजिली इमारतों के निर्माण को लेकर सरकार को कड़े निर्देश दिये हैं. कोर्ट ने कहा कि अब अधिकारियों के खिलाफ अवमाननावाद का मुकदमा चलेगा. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा व विकास जैन के खंडपीठ ने सोमवार को इस संबंध में दायर लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी हाल में एक भी गैरकानूनी इमारत न बनने पाये और कानूनी रूप से बन रहे भवनों के निर्माण पर रोक भी न लगायी जाये.
मात्र 24 अभियंता
खंडपीठ ने यह भी कहा कि किसी भी भवन निर्माता से पुलिस के दारोगा द्वारा नक्शा मांगे जाने की शिकायत मिली, तो इस पर सख्त कार्रवाई होगी. सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बिल्डर एसोसिएशन ने जानकारी दी कि पुलिस के दारोगा नक्शा मांग रहे हैं. सुनवाई के समय पटना नगर निगम के आयुक्त ने हलफनामा पेश किया. हलफनामे में स्वीकृत पद से काफी कम इंजीनियरों के होने की बात कही गयी थी. निगम आयुक्त ने कहा कि कनीय अभियंता से मुख्य अभियंता तक के 177 पद स्वीकृत हैं. इसके एवज में मात्र 24 अभियंता ही कार्यरत हैं.
ऐसे में निगम को अपने कार्यो के संपादन में परेशानी हो रही है. इस पर कोर्ट ने नगर विभाग व उसके अधिकारियों को मिल कर इसका समाधान निकालने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोर्ट से कार्यपालिका का काम चल रहा है. इस संबंध में कई बार आदेश जारी किये गये हैं, इसके बाद भी अनुपालन नहीं हो रहा है. मामले की अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी.