सवर्ण भूमिहीनों को मकान बनाने के लिए तीन डिसमिल जमीन दे सरकार
पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने सवर्ण आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए मात्र सौ करोड़ रुपये का प्रावधान कर सवर्णो को लॉली पॉप थमा दिया है.
उन्होंने कहा कि सवर्ण आयोग की सिफारिशों पर अमल की नीतीश कुमार की घोषणा खोदा पहाड़ निकली चुहियावाली कहावत को चरितार्थ कर रही है. एक ओर तो सरकार ने प्रदेश के किसानों, जिनमें अधिकांश सवर्ण गरीब हैं, का 12 लाख मीटरिक टन धान नहीं खरीद कर उन्हें तीन हजार करोड़ के लाभ से वंचित कर दिया.
सरकार को बताना होगा कि द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक तथा प्रथम व द्वितीय श्रेणी में इंटर पास करनेवाले गरीब सवर्णों, पिछड़ों व अतिपिछड़ों को प्रोत्साहन योजना क्यों बंद है? सवर्ण छात्र-छात्राओं को तो भाजपा-जदयू के गंठबंधन की सरकार के दौरान से ही साइकिल योजना का लाभ व मैट्रिक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होनेवाली सवर्ण छात्राओं को दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है.
अब प्रथम श्रेणी में मैट्रिक उत्तीर्ण करने वाले गरीब सवर्ण छात्रों को जब दस हजार रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा तो द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक और प्रथम व द्वितीय श्रेणी में इंटर पास होनेवाले गरीब सवर्ण सहित सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को यह लाभ क्यों नहीं मिलेगा?
ज्ञातव्य है कि मैट्रिक द्वितीय श्रेणी से पास करनेवाले कुछ सीमित वर्गों की छात्राओं को आठ हजार रुपये तथा इंटर प्रथम व द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण करने वाले कतिपय विशेष वर्ग को क्रमश: पंद्रह और दस हजार रुपये मिलते हैं. मोदी ने कहा है कि सवर्णों में गरीब भूमिहीनों की बड़ी संख्या हैं. सरकार को अविलंब सवर्ण भूमिहीनों को मकान बनाने के लिए तीन डिसमिल जमीन देने की घोषणा करनी चाहिए.