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अनवर का उसके साथी ने ही कराया था अपहरण, पांच गिरफ्तार ठेकेदार मुक्त, घर में खुशी

फुलवारीशरीफ / बसंतपुर: फुलवारीशरीफ के आजादनगर निवासी ठेकेदार अनवर खान को छपरा और सारण पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की चंगुल से गुरुवार की सुबह सीवान से मुक्त करा लिया. ठेकेदार के साथी सलाउद्दीन ने ही उसका रुपये की लालच में अपहरण कराया था. फिरौती की रकम वसूलने के बाद उसकी हत्या कर देने की साजिश थी. […]

फुलवारीशरीफ / बसंतपुर: फुलवारीशरीफ के आजादनगर निवासी ठेकेदार अनवर खान को छपरा और सारण पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की चंगुल से गुरुवार की सुबह सीवान से मुक्त करा लिया. ठेकेदार के साथी सलाउद्दीन ने ही उसका रुपये की लालच में अपहरण कराया था. फिरौती की रकम वसूलने के बाद उसकी हत्या कर देने की साजिश थी.

ठेकेदार अनवर खान का 16 अप्रैल को उस समय अपहरण हो गया था, जब वह अपने साथी मजदूर सलाउद्दीन के साथ दिघवारा गया था. अपहरणकर्ताओं ने ठेकेदार की पत्नी शबनम खातून को मोबाइल पर कॉल कर पहले तीन लाख, फिर एक करोड़ रु पये की फिरौती मांगी थी. पुलिस ने एक सप्ताह के बाद ठेकेदार अनवर खान को छपरा और सीवान के सीमावर्ती इलाके में छापेमारी कर बरामद कर लिया. छपरा पुलिस ने इस मामले में पांच अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है. ठेकेदार के बरामद होने की खबर फुलवारीशरीफ उसके घर पहुंचते ही पत्नी शबनम खातून समेत परिवार के चेहरे खुशी से खिल उठे. मुहल्ले में मिठाई बांट कर शबनम दिघवारा के लिए रवाना हो गयी. पुलिस ने ठेकेदार का कोर्ट में बयान कराने के लिए अभी दिघवारा में ही रोक लिया है.

ड्राइवर ने पूछताछ में उगला राज
घटना के अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने सबसे पहले अपहरण में प्रयुक्त बोलेरो की पहचान की. फिर ड्राइवर राजेश कुमार यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसके बाद उसने सारा राज उगल दिया. उसने स्वीकारा कि अपहर्ताओं ने काम होने पर 20000 रुपये देने की बात स्वीकारी थी.
नोट दोगुना करने का लालच देकर कर्ज लेता था अनवर
थानाध्यक्ष लालबहादुर ने कहा कि बरामद अनवर अपने दोस्त सलाउद्दीन के साथ लोगों से नोट दोगुना कर देने का लालच देकर कर्ज पर रुपये लेता था एवं इसके द्वारा कई लोगों से कर्ज लेने की पुष्टि हुई है. इसी क्रम में अनवर की सलाउद्दीन से अनबन हुई, जिसके बाद सलाउद्दीन ने दिलशाद की मदद से अपहरण की योजना बनायी ताकि फिरौती की बड़ी राशि मिल सके. मगर, राशि मिलने से पूर्व ही दिलशार पुलिस के हत्थे चढ़ गया
मोबाइल लोकेशन से मिली मदद
पुलिस सूत्रों के अनुसार जिस नंबर से अपहरणकर्ताओं ने ठेकेदार अनवर खां की रिहाई के लिए एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की थी, उसी मोबाइल नंबर की सीडीआर के सहारे पुलिस मदारपुर तक पहुंची, जहां सफलता मिली. वहां से उसे कब्जे में ले लिया गया.
एसएसपी की पहल पर हुआ था केस
गौरतलब हो कि शबनम ने पहले दिघवारा जीआरपी, फिर दिघवारा थाना की पुलिस से पति को बरामद करने की गुहार लगायी थी, पर पुलिस ने टाल दिया था. फिर वह फुलवारीशरीफ थाने पहुंच गुहार लगायी. पटना के एसएसपी जितेंद्र राणा के निर्देश पर दिघवारा में मामला दर्ज हुआ.
‘मरना ही है तो खाकर क्या करोगे’
ठेकेदार अनवर खान ने मोबाइल से बातचीत में बताया कि उसका अपहरण कराने में उसके साथी मजदूर सलाउद्दीन ही शामिल था. सलाउद्दीन उसके साथ वह पेंट की ठेकेदारी का काम करता था. 16 अप्रैल को सलाउद्दीन ने अपने गुंडों के साथ साजिश के तहत उसे बोलेरो में ले कर निकला. बाद में अपराधियों ने उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी. थोड़ी ही देर बाद सलाउद्दीन भाग गया. ठेकेदार ने बताया कि यह पता नहीं चल पाया कि उसे कहांरखा गया था. अपराधी उसके साथ मारपीट भी करते. ठीक से खाना भी नहीं देते थे. भूख लगने पर अपराधी कहते थे कि फिरौती की रकम के बाद तुङो मरना ही है, तो खाकर क्या करोगे.

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