पटना. जदयू के प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी के पेट में आज कर ज्यादा दर्द रहता है. बिहार में पिछड़ी जाति में आने वाले तेली व चौरसिया जातियों को अत्यंत पिछड़ी जाति में शामिल करने की मंजूरी दी है तो सुशील मोदी के पेट में दर्द होने लगा है. सुशील मोदी यह नहीं समझे कि तेली और चौरसिया समाज पर सिर्फ उनका कॉपी राइट है. बिहार में रहने वाले तमाम तेली व चौरसिया समाज बिहार के नागरिक हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर में समान हैं. यही सामाजिक रूप से पिछड़े हुए हैं तो उन्हें नीतीश कुमार ने हक देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि जिस तेली व चौरसिया समाज की बात सुशील मोदी कर रहे हैं उसे भाजाप ने सिर्फ अपना वोट बैंक समझा है और कभी उनके हक के लिए कुछ नहीं किया. केंद्र में भाजपा की सरकार है इस समाज के लिए भाजपा ने क्या किया यह सुशील मोदी बताये? सुशील मोदी बिहार में सात साल से अधिक समय तक उप मुख्यमंत्री रहे, कभी उन्होंने इस समाज के सरकार के सामने कोई प्रस्ताव तक नहीं रखा. किसी पर हक जता लेने भर से दायित्वों का निर्वहन नहीं हो जाता है. इसके लिए कर्म भी करने होते हैं. सुशील मोदी बतायें कि वे किस आधार पर तेली व चौरसिया समाज का दावा कर रहे हैं. भाजपा ने सिर्फ इस समाज का इमोशनल अत्याचार किया है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि समाज के किसी एक लोग को सम्मान देकर हक नहीं जताया जाता. जब भी राजनीति की जाती है तो पूरे समाज के लिए की जाती है. इस मामले को उठा कर सुशील मोदी ने भाजपा को एक्सपोज कर दिया है.
सुशील मोदी के पेट में रहता है ज्यादा दर्द : संजय सिंह
पटना. जदयू के प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी के पेट में आज कर ज्यादा दर्द रहता है. बिहार में पिछड़ी जाति में आने वाले तेली व चौरसिया जातियों को अत्यंत पिछड़ी जाति में शामिल करने की मंजूरी दी है तो सुशील मोदी के पेट में दर्द होने […]
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