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बिहार में रात की तबाही ने ली 65 लोगों की जान, 2000 घायल
हजारों के घर ध्वस्त बिजली के खंभे उखड़े फरवरी-मार्च में ओलावृष्टि और तूफान से मिले ‘जख्म’ अभी भरे भी नहीं कि एक बार फिर इस प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचा दी. बीती रात राज्य के उत्तर व पूर्वी हिस्से में आये तूफान व ओलावृष्टि से 52 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 300 से अधिक […]
हजारों के घर ध्वस्त बिजली के खंभे उखड़े
फरवरी-मार्च में ओलावृष्टि और तूफान से मिले ‘जख्म’ अभी भरे भी नहीं कि एक बार फिर इस प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचा दी. बीती रात राज्य के उत्तर व पूर्वी हिस्से में आये तूफान व ओलावृष्टि से 52 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गये. बड़े पैमाने पर लोगों का आशियाना ध्वस्त हो गया. जगह-जगह पर पेड़ और बिजली के तार व खंभे गिर गये, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गयी. गेहूं, मक्का, दलहन, आम व लीची की फसलों को भारी क्षति पहुंची है.
पटना : उत्तर व पूर्वी बिहार के 12 जिलों में मंगलवार की रात आयी आंधी-तूफान में कम-से-कम 52 लोगों की मौत हो गयी, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गये. हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग ने 42 लोगों के ही मरने की पुष्टि की है. वहीं, आकाशवाणी की खबर के अनुसार, मृतकों की संख्या 65 तक पहुंच गयी है और 2000 लोग घायल हुए है. राहत बचाव कार्य जारी है. रेट पटरियों पर से गिरे पेड को हटाया जा रहा है.
नेपाल के इलाके से आये चक्रवाती तूफान के कारण मधेपुरा, पूर्णिया, सुपौल, सहरसा, किशनगंज, कटिहार, मुंगेर, भागलपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, दरभंगा में जान-माल की भारी क्षति हुई है. सबसे अधिक पूर्णिया में तबाही हुई, जहां 33 लोगों की मौत हो गयी. हजारों घर तहस-नहस हो गये. गेहूं, मक्का, दलहन, आम व लीची की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. कहीं-कहीं तो आधा किलो तक के ओले पड़े. राज्य सरकार ने सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है.
बुधवार को मुख्यमंत्री पूर्णिया का हवाई सर्वेक्षण कर पटना लौटने के बाद देर रात तक जिलों से रिपोर्ट लेते रहे और अधिकारियों के साथ राहत पर मंथन करते रहे. वह गुरुवार को भागलपुर का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. शाम आठ बजे दिल्ली जायेंगे. दिल्ली में राहत को लेकर उनके प्रधानमंत्री व अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करने की भी संभावना है. उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम से बात कर केंद्र की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया. वहीं, राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पीड़ितों को जल्द सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया है.
बिजली बहाल का दिया निर्देश : पूर्णिया से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने ऊर्जा सचिव को पूर्णिया जाकर क्षतिग्रस्त बिजली लाइनों को ठीक कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि पेड़ों के बिजली के कंडक्टर गिर जाने से पोल टूट गये हैं या टेढ़े हो गये हैं. ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि 1454 बिजली पोल और 162 ट्रांसफॉर्मर चक्रवाती तूफान में क्षतिग्रस्त हुए हैं.
सीएम ने निर्देश दिया कि जहां भी बिजली की लाइन बाधित हुई है या बिजली आपूर्ति बंद है, वहां पर रिस्टोरेशन का काम तेजी से किया जाये. मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव, स्वास्थ्य को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित करें कि घायलों के इलाज में कोई कठिनाई न हो और उन्हें हर तरह की चिकित्सकीय सुविधा मिले. फसलों के 33 प्रतिशत नुकसान पर किसानों को मुआवजा देने का उन्होंने निर्देश दिया.
सभी डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग : मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीड़ितों के बीच सहायता राशि वितरण की भी जानकारी देने को कहा.
सीएम ने पीड़ितों को नयी दर से राहत राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया. इस अवसर पर आपदा प्रबंधन मंत्री लेसी सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश, प्रधान सचिव आपदा व्यास जी, प्रधान सचिव वित्त रामेश्वर सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, प्रधान सचिव मंत्रिमंडल समन्वय बी प्रधान, प्रधान सचिव स्वास्थ्य ब्रजेश मेहरोत्र, प्रधान सचिव पथ निर्माण अरुण कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य आनंद किशोर, सचिव ऊर्जा प्रत्यय अमृत, सचिव पशुपालन नर्मदेश्वर लाल, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, धर्मेद्र सिंह सहित अन्य संबंधित वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
पूर्णिया में बैठक : इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंधी-तूफान से पीड़ित कोसी क्षेत्र के जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने पूर्णिया में प्रमंडल के सभी जिलों के डीएम के साथ बैठक की और राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया. हवाई सर्वेक्षण कर पटना लौटने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह तूफान साइक्लोनिक स्ट्रॉन की तरह था. इसकी गति 150-160 किलोमीटर प्रति घंटा थी. यह मंगलवार की रात साढ़े नौ बजे से 10 बजे तक पीक पर था. तूफान का असर पूर्णिया एयरपोर्ट के कंट्रोल टावर से लेकर बिजली आपूर्ति और फसलों पर पड़ा है. मक्के की फसल खेतों में फ्लैट रूप से बैठ गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तूफान से पूर्णिया एविएशन के कंट्रोल टावर को भी बहुत क्षति पहुंची है. तूफान व ओला गिरने से कई जगहों पर पेड़ गिर गये हैं. कई पेड़ बिजली की तारों पर गिर गये हैं, जिससे बिजली के पोल भी उखड़ गये हैं. इससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गयी है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोगों की मौत उनके टीन और कच्चे मकान गिरने और उसके नीचे दबने की वजह से हुई है.
संबंधित जिलों के डीएम को गृह क्षति समेत फसलों की क्षति का आकलन कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. उसी रिपोर्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति की राशि दी जायेगी. अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं और पीड़ितों को राहत भी दे रहे हैं. तूफान के पूर्वानुमान से सवाल पर सीएम ने कहा कि पूर्णिया एयरफोर्स ने बताया कि उन्हें गेल स्ट्रॉन आने का अनुमान था, पर जो तूफान साइक्लोनिक स्ट्रॉन टाइप का था. बिजली बाधित होने की वजह से कई चीजें बाधित हैं.
उन्होंने कहा कि मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये दिये जा रहे हैं. इसकी शुरुआत भी पूर्णिया समेत अन्य जगहों पर हो गयी है. वहीं, घायलों का भी समुचित इलाज हो रहा है. इलाज के साथ-साथ उन्हें भी सहायता राशि दी जायेगी. मुख्यमंत्री के साथ हवाई सर्वेक्षण में कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव व्यासजी और मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार थे.
कैंप लगा कर बांटा जाये खाद्यान्न : राज्यपाल
राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य सरकार को पीड़ित क्षेत्रों में राहत कैंप लगाने और उसमें खाद्यान्न व अन्य जरूरी सामाग्री बांटने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि मृतकों व घायलों के परिजनों को मुआवजा और घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित कराया जाये. उन्होंने पीड़ित क्षेत्रों में यातायात, बिजली व संचार व्यवस्था बहाल कराने के लिए कार्रवाई करने को भी कहा है.
सोनिया-राहुल ने दुख व्यक्त किया
कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस आपदा में जान-माल की क्षति पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेताओं को स्थिति से अवगत कराते हुए पीड़ित लोगों के राहत व बचाव करने के लिए कहा है.इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने बताया कि कहा कि तबाही का जायजा लेने के लिए भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा के नेतृत्व में एक दल पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करेगा.
इसमें प्रदेश महासचिव पूनम पासवान व इरशाद हुसैन, प्रवक्ता बीके ठाकुर व जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष इंदु सिन्हा शामिल है. श्री चौधरी ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख व घायलों की मुफ्त चिकित्सा मुहैया कराने की मांग की है.
पप्पू व रंजीता देंगे 50-50 हजार
राजद सांसद राजेश रंजन उर्फपप्पू यादव और उनकी पत्नी व कांग्रेस सांसद रंजीता रंजन ने आंधी -तूफान में मारे लोगों के प्रति शोक जताया है. दोनों सांसदों ने पीड़ितों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है.
विशेषज्ञ बोले : यह प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम
क्यों आया तूफान : टीएमबीयू के भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो एसएन पांडेय ने बताया कि हिमालय क्षेत्र के मैदानी भाग में इस मौसम में निम्न दाब अधिक होता है. इस कारण यह डिप्रेशन का क्षेत्र बन जाता है. इससे इस तरफ समुद्र से हवा काफी तेजी से आती है. इससे यह इलाका कमोबेश हर साल अधिक प्रभावित हो जाता है.
कौन जिम्मेवार : पर्यावरणविद् मेहता नगेंद्र ने बताया कि यह सब प्रकृति के विरुद्ध मानव की कार्रवाई का असर है. जलवायु परिवर्तन से प्रकृति के नियम में भी परिवर्तन हो रहा है.
फिर आ सकती है तबाही : पूर्णिया में लो प्रेशर का क्षेत्र बना हुआ है. बुधवार को सुबह में वायुमंडलीय दबाव -3.4 था. लो प्रेशर के कारण पूर्णिया में इस तरह के मौसम की पुनरावृत्ति की आशंका है.
क्या है उपाय : पर्यावरणविद् मेहता नगेंद्र ने बताया कि बदली हुई परिस्थति में जीने की प्रवृत्ति विकसित करनी चाहिए.वन क्षेत्र में वृद्धि व प्रदूषण दूर करना होगा. आंधी-तूफान से बचने के लिए घर की बनाबट ऐसी हो कि तेज हवा का असर नहीं पड़े. बारिश की पानी जल्द दूर चला जाये. वातावरण के अनुसार में खेती में परिवर्तन करना होगा.
पीएम ने की सीएम से बात, मंत्री करेंगे दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की और केंद्र की ओर हर संभव मदद का भरोसा दिया. सीएम सचिवालय ने इसकी पुष्टि की. पीएम के निर्देश पर केंद्रीय मंत्रियों का एक दल पूर्णिया का दौरा करेगा.
इसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह व संचार मंत्री रविशंकर शामिल रहेंगे. वह जान-माल की क्षति का जायजा लेंगे और इसकी रिपोर्ट पीएम को सौंपेंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की और तूफान व ओलावृष्टि से हुए नुकसान की चर्चा की. उन्होंने केंद्र सरकार से मदद भी मांगी, जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें मदद करने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हम एक ज्ञापन भी भेज रहे हैं, जिसमें फरवरी में शीतलहरी के कारण फसल को हुए नुकसान, मार्च-अप्रैल में बारिश व ओलावृष्टि के कारण हुए नुकसान समेत मंगलवार की रात तूफान व ओलावृष्टि से हुए जान-माल की क्षति की पूरी रिपोर्ट दी जा रही है.
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