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विधानमंडल सत्र : कांट्रैक्ट कर्मियों के सेवा स्थायी मामले पर सीएम बोले तीन माह में आयेगी रिपोर्ट

पटना : राज्य सरकार की सेवाओं में संविदा पर बहाल कर्मियों की सेवा स्थायी के लिए गठित कमेटी अपनी रिपोर्ट तीन महीनों में सरकार को उपलब्ध करा देगी. पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस उच्च स्तरीय कमेटी को संविदा पर नियोजित कर्मियों के नियमितीकरण के मामले के सभी पहलुओं की जांच कर सरकार […]

पटना : राज्य सरकार की सेवाओं में संविदा पर बहाल कर्मियों की सेवा स्थायी के लिए गठित कमेटी अपनी रिपोर्ट तीन महीनों में सरकार को उपलब्ध करा देगी. पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित इस उच्च स्तरीय कमेटी को संविदा पर नियोजित कर्मियों के नियमितीकरण के मामले के सभी पहलुओं की जांच कर सरकार को सौंपना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में संविदा पर नियोजित कर्मियों की सेवा नियमित करने की विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है. इस संबंध में अनुशंसा करने के लिए राज्य सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति के गठन का निर्णय लिया है. इस समिति के अध्यक्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व मुख्य सचिव होंगे.
सरकार के वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, पथ निर्माण, जल संसाधन एवं विधि विभाग के प्रधान सचिव अथवा सचिव इस समिति के सदस्य और सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे. यह समिति अपनी अनुशंसा तीन माह के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगी. रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी. सरकार के इस निर्णय से जिला मुख्यालयों से सचिवालय स्तर पर विभिन्न विभागों में करीब तीन लाख कर्मियों की नौकरी स्थायी हो सकेगी.
सवर्ण आयोग की रिपोर्ट सरकार को मिली
पटना : राज्य सरकार को सवर्ण आयोग की रिपोर्ट मिल गयी है. आयोग ने अपनी करीब चार सौ पन्‍नों की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. सरकार रिपोर्ट की अनुशंसाओं पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा परिसर में कहा कि मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम श्रेणी लाने वाले सवर्ण छात्रों को दस हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.
सरकार द्वारा सवर्ण आयोग द्वारा दिये गये प्रतिवेदन के अनुशंसा के आलोक में नीतिगत निर्णय लिया गया है कि राज्य की उच्च जातियों के परिवार से आनेवाले छात्र जिनकी पारिवारिक आय एक लाख या पचास हजार रुपये से कम है और जिन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त की है, वैसे छात्रों को मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दस हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.
उच्च जातियों के कक्षा एक से दस तक के छात्र जिनकी पारिवारिक आय एक लाख या पचास हजार रुपये से कम है, को छात्रवृत्ति दी जायेगी. उन्होंने कहा कि सवर्ण आयोग द्वारा स्वीति आद्री के प्रतिवेदन के अन्य अनुशंसाओं पर सभी विभागों से विचारोपरान्त प्रस्ताव तैयार करने के लिए मुख्य सचिव अंजनी कुमर सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है.
गौरतलब है कि 2010 में दूसरी बार जब एनडीए की प्रदेश में सरकार बनी तो जनवरी, 2011 में उंची जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आकलन करने के लिए सवर्ण आयोग का गठन किया गया. इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन सदस्य हैं.

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