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दवा खरीद के लिए स्वास्थ्य विभाग बना रहा नियमावली
एपीएचसी स्तर तक के प्रभारी भी एक लाख तक खरीद सकेंगे दवा पटना : स्वास्थ्य विभाग दवा खरीद के लिए नयी नियमावली तैयार करने में जुट गया है. स्वीकृति के बाद बीएमएसआइसीएल से डायरेक्ट अस्पताल प्रभारी दवा मंगा सकेंगे. इसके बाद अस्पताल प्रभारियों को अब दवा के लिए सिविल सजर्न को पत्र नहीं भेजना पड़ेगा. […]
एपीएचसी स्तर तक के प्रभारी भी एक लाख तक खरीद सकेंगे दवा
पटना : स्वास्थ्य विभाग दवा खरीद के लिए नयी नियमावली तैयार करने में जुट गया है. स्वीकृति के बाद बीएमएसआइसीएल से डायरेक्ट अस्पताल प्रभारी दवा मंगा सकेंगे. इसके बाद अस्पताल प्रभारियों को अब दवा के लिए सिविल सजर्न को पत्र नहीं भेजना पड़ेगा. इसके अलावा आपातकाल की स्थिति में प्रभारी की शक्ति बढ़ा दी गयी है और वह एक लाख तक की दवा खरीद पायेंगे. ऐसा करने से आपातकाल में कभी अस्पताल में जीवन रक्षक दवाइयां खत्म नहीं होगी.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने नयी प्रक्रिया पर अपनी सहमति भी दे दी है. अब फाइल आगे बढ़ायी जा रही है, ताकि शीघ्र नोटिफिकेशन कर सभी जिलों में भेज दिया जाये. सिविल सजर्न के माध्यम से एक साथ दवा खरीद पूरे जिले के लिए होती है. इस कारण बहुत से अस्पतालों में ऐसी दवाइयां पहुंच जाती हैं जिनकी खपत उस अस्पताल में बिल्कुल नहीं होती है और दवा खराब भी हो जाती है. नयी पहल के बाद प्रभारी को मालूम होगा कि कौन सी दवा की खपत उनके अस्पताल में सबसे अधिक है.
स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार सिविल सजर्न व मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक एक लाख तक की दवा खरीद सकते हैं,लेकिन दवा खरीद को लेकर जब कमेटी के सदस्य नहीं पहुंचते हैं,तो परेशानी होती है और तब तक अस्पतालों में पूरी तरह से दवा खत्म हो जाती है. इस व्यवस्था को ठीक करने को लेकर सभी सरकारी अस्पताल के प्रभारी दवा खरीद पायेंगे. फिलहाल प्रभारी महज 15 हजार की दवा किसी आपात स्थिति में खरीद पाते हैं.
दवा की कमी स्थायी रूप से खत्म हो जाये. इसको लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा हो रही है. बीएमएसआइसीएल दवा का टेंडर कर सभी अस्पतालों में दवा भेजता है. हाल के दिनों में टेंडर को लेकर जो परेशानी सामने आ रही है. इसको देखते हुए इस बात पर सहमति बन रही है कि एपीएचसी तक दवा की कमी नहीं हो और इसके लिए प्रभारी भी दवा खरीद सके.
ब्रजेश मेहरोत्र
प्रधान सचिव,स्वास्थ्य विभाग
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